✕
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
ऑटो मोबाइल
व्यापार
मोबाइल मेनिया
लोकसभा चुनाव
समाचार
स्पेशल स्टोरीज
रोचक तथ्य
चर्चित लोकसभा क्षेत्र
लोकसभा चुनाव का इतिहास
भारत के प्रधानमंत्री
IPL 2024
IPL टीम प्रीव्यू
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
मूवी रिव्यू
वेब स्टोरी
आने वाली फिल्म
खुल जा सिम सिम
बॉलीवुड फोकस
आलेख
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
धर्म-संसार
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
शिरडी साईं बाबा
श्रीरामचरितमानस
आलेख
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
रामशलाका
राशियां
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
चौघड़िया
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
मोटिवेशनल
रेसिपी
नन्ही दुनिया
पर्यटन
रोमांस
साहित्य
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
अन्य खेल
खेल-संसार
शेड्यूल
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
चुटकुले
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
Hindi
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
समाचार
लोकसभा चुनाव
IPL 2024
बॉलीवुड
धर्म-संसार
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
श्रीरामचरितमानस
धर्म संग्रह
काम की बात
क्रिकेट
श्रीराम शलाका
मध्यप्रदेश
एक्सप्लेनर
क्राइम
रामायण
महाभारत
फनी जोक्स
वीडियो
फोटो गैलरी
अन्य
हिन्दी कविता : अधूरा जन्मदिन
सुशील कुमार शर्मा
मेरा जन्मदिन
कुछ अधूरा रहा
मां-बाबूजी के चरणों
में शीश न झुका पाया।
ना ही उनकी इंतजार
करती आंखों में वह ख़ुशी
देख पाया जो मेरे जन्म
के समय रही होगी।
अपने बच्चों के सिर पर
हाथ रखकर उन्हें
आशीष नहीं दे पाया।
मैंने आंगन में दौड़ती
गिलहरियों को कुतरने
के लिए मूंगफली नहीं डाली।
मैंने बाहर खड़ी
एक बूढ़ी भिखारन को
मांगने के बाद भी पैसे नहीं दिए।
कचरे के डिब्बे में रोटी ढूंढते
बच्चे से ये भी नहीं पूछा
कि वह कितने दिन से भूखा सो रहा है।
मैंने अपनी थकी पत्नी से
जो दिनभर से बीमार होने के बाद भी
जन्मदिन की तैयारी में लगी थी
एक बार भी नहीं पूछा कि
उसकी तबीयत कैसी है।
मैंने आंगन में सूखते पौधों
में पानी नहीं दिया न ही
पिछले साल जन्मदिन पर लगाए
हुए सूखते पौधे का हाल जाना।
अपने विद्यार्थियों को आज
मैंने कोई शिक्षाप्रद बात
भी कक्षा में नहीं बताई।
मेरे मित्रों के शुभकामना संदेशों
का जवाब भी यंत्रवत दिया
व्हाट्स एप के इस कोलाहल में
रिश्तों की संवेदनाओं को मरते देखा।
मैंने अपनी सभी अभिव्यक्तियों
को अपने अंदर मरते देखा है
जो कभी मुखरित होती थी
खिलखिलाती थी परिवार के साथ
दोस्तों के साथ अभिनंदित होती थी।
सिर्फ एक मरता हुआ अहसास है
अपने अधूरे जन्मदिन का।
वेबदुनिया पर पढ़ें
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
Show comments
सभी देखें
जरुर पढ़ें
सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे
थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव
गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन
वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे
गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे
सभी देखें
नवीनतम
फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड
01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में
चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ
गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे
Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?
अगला लेख
दीन दयाल जी और एकात्म मानववाद