बाल गीत : चलो पिताजी गांव चलें हम

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
चलो पिताजी गांव चलें हम
दादाजी के पास


 
बहुत दिनों से दादाजी का
नहीं मिला है साथ
वरदहस्त सिर पर हो उनका
भीतर मेरे साथ
 
पता नहीं क्यों हृदय व्यथित है
मन है बहुत उदास
चलो पिताजी गांव चलें हम
दादाजी के पास
 
दादी के हाथों की रोटी
का आ जाता ख्याल
लकड़ी से चूल्हे पर पकती
सौंधी-सौंधी दाल
 
अन्नपूर्णा दादी मां में
है देवी का वास
चलो पिताजी गांव चलें हम
दादाजी के पास
 
घर के पिछवाड़े का आंगन
अक्सर आता याद
दादाजी पौधों में देते
रहते पानी-खाद
 
गांव की मिट्टी से आती
है मीठी उच्छ्वास
चलो पिताजी गांव चलें हम
दादाजी के पास
 
जब-जब भी हम गांव गए हैं
मिला ढेर-सा प्यार
दादा-दादी, काका-काकी
के मीठे उद्गार
 
हंसी-ठिठौली मस्ती देती
खुशियों का अहसास
चलो पिताजी गांव चलें हम,
दादाजी के पास
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

रसोई की इन 7 चीजों में छुपा है आपका स्किन ब्राइटनिंग सीक्रेट, तुरंत जानें इनके बेहतरीन फायदे

Health Alert : कहीं सेहत के लिए हानिकारक तो नहीं है सहजन की फली?

सॉफ्ट आटा गूंथने के 4 सही तरीके, रोटियां बनेंगी फूली हुई और मुलायम

आपके घर के किचन में छुपा है आयल फ्री त्वचा का राज, जानिए ये होममेड क्लींजर बनाने का तरीका

ऑफिस में बनाना चाहते हैं बढ़िया इमेज तो भूलकर भी ना करें ये गलतियां

सभी देखें

नवीनतम

ड्राई स्किन के लिए नेचरल मोइस्चराइजर है ये ऑयल, जानिए ग्लोइंग स्किन के लिए कैसे करें इस्तेमाल

बालों की ग्रोथ के लिए वरदान हैं ये आयुर्वेदिक पाउडर: ब्यूटी पार्लर से बढ़िया बाल मिलेंगे घर पर

ठंड के मौसम के लिए best हैं ये स्किन केयर टोनर, जानिए कैसे बनाएं घर पर

लंबे समय तक खड़े रहने से होने वाली थकान दूर करती हैं ये 5 आसान एक्सरसाइज

सर्दियों में ठंड की वजह से आउट डोर में नहीं कर पाते वॉक तो घर पर ही करें इन्फिनिटी वॉक, जानिए 8 के आकार में चलने के फायदे

अगला लेख