बाल गीत : मने दिवाली

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
दिवाली में न हो गाली,
फुलझड़ियों से मने दिवाली।


 
खाना लड्डू लाई बताशे,
खूब बजाना ढोल पताशे।
 
चकरी और अनार चलाना,
खुद जलने से मगर बचाना।
 
उन मित्रों से भी मिल आना,
जिनकी पड़ी जेब हो खाली।
 
अपने मित्रों के घर जाना,
एक-एक दीपक ले जाना।
 
उनके संग फुलझड़ी चलाकर,
हंसते-हंसते गले लगाना।
 
भाई-बहन मम्मी-पापा संग,
खूब नाचना दे-दे ताली।
 
दलित बस्तियों में भी जाना,
अपने मित्रों को ले जाना।
 
कॉपी-कलम किताबें लेकर,
उनके बच्चों को दे आना।
 
उनको भी फुलझड़ी दे आना,
तरह-तरह के रंगों वाली।
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

नमक-मिर्च वाली केरी खाने से पहुंचा रहे हैं सेहत को नुकसान, हो जाइये सावधान

लू लगने पर शरीर में दिखते हैं ये लक्षण, हीट स्ट्रोक से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय और ज़रूरी सावधानियां

गर्मियों में धूप में निकलने से पहले बैग में रखें ये चीजें, लू और सन टेन से होगा बचाव

मोबाइल युग में पुस्तकें पढ़ने को प्रेरित करती एक मजेदार कविता: देकर हमें दुआएं

क्यों मनाया जाता है पृथ्‍वी दिवस, पढ़ें निबंध

सभी देखें

नवीनतम

कब और क्यों मनाया जाता है पृथ्वी दिवस, जानें इतिहास, महत्व और 2025 की थीम

पृथ्वी दिवस पर रोचक नाटक: धरती की डायरी, सृष्टि से संकट तक

पृथ्वी दिवस पर दो अनूठी कविताएं

विश्व पुस्तक दिवस पर मेरी किताब पर मेरी बात पर चर्चा

पृथ्वी दिवस 2025: कैसे सुधारा जा सकता है धरती के पर्यावरण को?

अगला लेख