बाल गीत : कूक बड़ी प्यारी, कोयल की

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Kids Poem 
 
बांध लिया बिस्तर जाड़े ने,
हुआ रफू-चक्कर।
सूरज के हाथों में देखा,
जब हल्का हंटर।
 
गरमी थोड़ी बढ़ी, मस्त सी,
पुरवाई आई।
लगती है अब छुअन हवा की,
सच में सुखदाई।
निर्मल हुआ नदी झरनों का,
जल बहता सर-सर।
 
लहक उठी फूलों की क्यारी,
वन उपवन महके।
आसमान में पंख पसारे,
पंछी फिर चहके।
तितली भौंरे पहुंच रहे हैं,
फूलों के घर पर।
 
तीसी के नीले फूलों की,
पगड़ी भाती है।
सरसों के पीले बिस्तर को,
हवा डुलाती है।
प्यारा लगता मंद पवन का,
स्वर, हर-हर-हर-हर।
 
महक उठा है बौर आम का,
मन दीवाना है।
पेड़ों पर अब कोयल का भी,
आना जाना है।
कूक बड़ी प्यारी, कोयल की,
लगती मधुर-मधुर।
 
(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

चलती गाड़ी में क्यों आती है नींद? जानें इसके पीछे क्या है वैज्ञानिक कारण

सर्दियों में नाखूनों के रूखेपन से बचें, अपनाएं ये 6 आसान DIY टिप्स

क्या IVF ट्रीटमेंट में नॉर्मल डिलीवरी है संभव या C - सेक्शन ही है विकल्प

कमर पर पेटीकोट के निशान से शुरू होकर कैंसर तक पहुंच सकती है यह समस्या, जानें कारण और बचाव का आसान तरीका

3 से 4 महीने के बच्चे में ये विकास हैं ज़रूरी, इनकी कमी से हो सकती हैं समस्याएं

सभी देखें

नवीनतम

World Fisheries Day : विश्व मत्स्य दिवस, जानें 5 खास बातें और 2024 की थीम

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

स्तनपान के दौरान महिलाओं का ब्रा पहनना सही है या नहीं? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

सर्दियों में बालों को दें निखार : घर पर बनाएं सिर्फ इन 5 चीजों से ये DIY हेयर सीरम

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

अगला लेख