दीपावली पर लघु हाइकू रचना

सुशील कुमार शर्मा
दायरा इश्क
बंधन नहीं होता
अहसास है।


 
प्यार में कभी
ओंठ नहीं खुलते
बोलते नैन।
 
मुखौटा फेंक
असलियत बता
तेरा क्या पता।
 
मन का दीपक
भावनाओं की बाती
स्नेह का तेल।
 
मन की व्यथा
अकेले मत सह
मुझे भी बता।
 
मिट्टी का दीया
कुम्हारन का दर्द
किसने जिया।
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