हिन्दी कविता : दिवाली आई है...

Webdunia
- प्रदीप मानोरिया
दीपों की कतार से,
एकता और प्यार से,
उर के  उल्लास से,
जीवन के  प्रकाश से
खुशियां फैलाई हैं,
दिवाली आई है।
 
राम राज्य शान की,
मुक्ति वर्धमान की,
न्याय और नीति की,
अहिंसा की रीति की,
याद ये दिलाई है,
दिवाली आई है।
 
इस प्रकाश पर्व पर,
मन का सब तिमिर हर,
हिंसा मन के रावण सब,
विजय उन पर पाकर अब,
दिवाली मनाई है दिवाली आई है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

इन विटामिन की कमी के कारण होती है पिज़्ज़ा पास्ता खाने की क्रेविंग

The 90's: मन की बगिया महकाने वाला यादों का सुनहरा सफर

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है नारियल की मलाई, ऐसे करें डाइट में शामिल

गर्मियों में ये 2 तरह के रायते आपको रखेंगे सेहतमंद, जानें विधि

गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों के साथ जा रहे हैं घूमने तो इन 6 बातों का रखें ध्यान

06 मई : मोतीलाल नेहरू की जयंती, जानें 15 रोचक तथ्य

कार्ल मार्क्स: सर्वहारा वर्ग के मसीहा या 'दीया तले अंधेरा'

राजनीति महज वोटों का जुगाड़ नहीं है

जल्दी निकल जाता है बालों का रंग तो आजमाएं ये 6 बेहतरीन टिप्स

मॉरिशस में भोजपुरी सिनेमा पर व्‍याख्‍यान देंगे मनोज भावुक

अगला लेख