बच्चों की तीन कविता

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
1 .
 
बिल्ली भागी
 
कुत्ता भौंका बड़ी जोर से,
बिल्ली भागी जान छोड़के।
 
चुहिया ने तब मौज उड़ाई,
मजे-मजे से रोटी खाई।
 
जब बिल्ली फिर वापस आई,
उसे न चुहिया पड़ी दिखाई।
 
अब तो थी वह बिल के भीतर।
मस्त सो रही थी खा-पीकर।
 
2.
 
लपकू
 
टिम्बक टू भाई टिम्बक टू,
लड्डू पर लपके लपकू।
 
लड्डू लपक लिए थे चार,
किंतु किया मुंह ने इंकार।
 
बोला मंजन कर डालो,
बेटे फिर लड्डू खा लो।
 
3.
 
दौड़ीं अम्मा
 
डुगर-डुगर भाई डुगर-डुगर,
चलता लल्लू डुगर-डुगर।
 
गिरता है फिर उठ जाता,
उठकर के फिर गिर जाता। 
 
गिरा-उठा है जिधर-जिधर,
दौड़ीं अम्मा उधर-उधर।

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