Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

बाल गीत : दूध नहीं आया है

Advertiesment
हमें फॉलो करें kids poem
webdunia

प्रभुदयाल श्रीवास्तव

सुबह आठ बजने तक,
दूध नहीं आया है।
 
चाय नहीं बिस्तर में,
अब तक आ पाई है।
 
कमरे से चीख-चीख,
दादी चिल्लाई है।
 
चाय की पतीली को,
बहुत क्रोध आया है।
 
दादाजी बैठे हैं,
अलसाये-अलसाये।
 
पापाजी चुप-चुप हैं,
बोल नहीं कुछ पाये।
 
गुस्से पर मुश्किल से,
काबू हो पाया है।
 
हाथों की प्याली से,
भाप जब निकलती है।
 
तब ही तो भीतर की,
बंद कली खिलती है।
 
जीवन की पुस्तक में,
यही लिखा पाया है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

तीन तलाक पर हिन्दी में कविता