बाल कविता : अपनी मुट्ठी कस

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
एक में जोड़ा एक तो बच्चों,
हो जाते हैं दो।
हाथ नहीं गंदे रखना है,
हैंड वॉश से धो।
 
एक में जोड़े दो तो बच्चों,
हो जाते हैं तीन।
बातें इतनी मीठी बोलो,
जैसे बजती बीन।
 
एक में जोड़े तीन तो बच्चों,
हो जाते हैं चार।
मिलजुल कर रहना अच्छा है,
इसमें ही है सार।
 
एक में जोड़े चार तो बच्चों,
हो जाते हैं पांच।
दादाजी कहते हैं सबसे,
नहीं सांच को आंच।
 
एक में जोड़े पांच तो बच्चों,
हो जाते हैं छह।
कोई सताये शाळा में तो,
टीचर जी से कह।
 
एक में जोड़े छह तो बच्चो,
हो जाते हैं सात।
सुबह-सुबह से करो योग, 
दो बीमारी को मात।
 
एक में जोड़े सात तो बच्चों,
हो जाते हैं आठ।
अच्छा होता बड़ी भोर में,
उठकर पढ़ना पाठ।
 
एक में जोड़े आठ तो बच्चों,
हो जाते हैं नौ।
कक्षा में चुप होकर बैठो,
नहीं करो चौं-चौं।
 
एक में जोड़े नौ तो बच्चों,
हो जाते हैं दस।
निर्भय होकर आगे बढ़ना,
अपनी मुठ्ठी कस।

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?

अगला लेख