बाल कविता : काश! मैं डॉक्टर कहलाता

Webdunia
- डॉ. मधु भारतीय
 
टॉमी भैया मुंह लटकाए
आए घर के अंदर,
'पीठ दर्द कुछ ठीक हुआ क्या?'
बोला छोटू बंदर।
 
आह, ऊह कर टॉमी बोले-
'बुरा हाल है मेरा',
ट्यूब लगाई, करी सिंकाई
फिर भी दर्द घनेरा।
 
मौज-मटरगस्ती करने में
सारा समय गंवाया,
माता-पिता ने समझाया था,
पर मैं समझ न पाया।
 
काश! कि मैं श्रमपूर्वक पढ़ता
तो डॉक्टर कहलाता,
भारी फीस न देनी पड़ती,
स्वस्थ शीघ्र हो जाता।'  
 
साभार- देवपुत्र 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है आंवला और शहद, जानें 7 फायदे

थकान भरे दिन के बाद लगता है बुखार जैसा तो जानें इसके कारण और बचाव

गर्मियों में करें ये 5 आसान एक्सरसाइज, तेजी से घटेगा वजन

वजन कम करने के लिए बहुत फायदेमंद है ब्राउन राइस, जानें 5 बेहतरीन फायदे

गर्मियों में पहनने के लिए बेहतरीन हैं ये 5 फैब्रिक, जानें इनके फायदे

फ़िरदौस ख़ान को मिला बेस्ट वालंटियर अवॉर्ड

01 मई: महाराष्ट्र एवं गुजरात स्थापना दिवस, जानें इस दिन के बारे में

चित्रकार और कहानीकार प्रभु जोशी के स्मृति दिवस पर लघुकथा पाठ

गर्मियों की शानदार रेसिपी: कैसे बनाएं कैरी का खट्‍टा-मीठा पना, जानें 5 सेहत फायदे

Labour Day 2024 : 1 मई को क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस?

अगला लेख