बाल कविता : रजाई

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
शेर सिंह को ठंड लगी तो,
लाए एक रजाई।
 
ओढ़ तानकर खूब सोए वे,
नींद मजे की आई।
 
नींद खुली तो पाई उन्होंने
नई रजाई गायब।
 
पता नहीं मोटा सा चूहा 
पूरी काट गया कब।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

इस रजाई के आगे बड़े ब्रांड के हीटर भी हैं फेल, जानिए कौन सी है ये जादुई रजाई

हर शहर में मिलती है मुरैना की गजक, जानिए क्यों है इतनी मशहूर?

क्या सिर्फ ठंड के कारण ज्यादा कांपते हैं हाथ पैर? पूरी सच्चाई जानकर हो जाएंगे हैरान

भारत की पवित्र नदियों पर रखिए अपनी बेटी का नाम, मीनिंग भी हैं बहुत खूबसूरत

क्या सुबह के मुकाबले रात में ज्यादा बढ़ता है ब्लड प्रेशर? जानिए सच्चाई

सभी देखें

नवीनतम

ट्रंप और वेंस के करीबी विवेक रामास्वामी ओहायो के गवर्नर पद का चुनाव लड़ने की योजना बना रहे

IIT से निकलकर मठ पहुंचे जीनियस, जानिए ऊंची एजुकेशन के बाद क्यों चुना अध्यात्म का रास्ता

Republic Day 2025 : गणतंत्र दिवस के निबंध में लिखें लोकतंत्र के इस महापर्व के असली मायने

हर्षा रिछारिया से पहले चकाचौंध छोड़ अध्यात्म की राह पर निकलीं ये मशहूर एक्ट्रेसेस, संन्यास को बनाया जीवन

रिपोर्ट में मिस्‍सी रोटी को बताया घटिया, जानिए क्‍यों उठा रोटी पर विवाद

अगला लेख