बाल गीत : बल्लू बोला छूमंतर

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
मुट्ठी खोली हाथ घुमाकर,
बल्लू बोला छूमंतर।
 
जय माता कंकाली बोला,
जय कलकत्ते वाली बोला।
चुन्नू, मुन्नू, डॉली बोला,
बजा-बजाकर ताली बोला।
 
सबको खाली हाथ दिखाकर,
बल्लू बोला छूमंतर।
 
फिर से मुट्ठी बांधी उसने,
ध्यान साधना साधी उसने।
अम-अम-अम-डम-डम चिल्लाया,
सिर के ऊपर हाथ घुमाया।
फिर मुट्ठी को फूंक-फुंकाकर,
बल्लू बोला छूमंतर।
 
ज्यों ही उसकी खुली हथेली,
हाथों में थी गुड़ की ढेली।
बोला आया जादूवाला,
देखो लाली, देखो लाला।
सबको गुड़ का ढेर दिखाकर,
बल्लू बोला छूमंतर।
 
हाथ घुमाकर जादू करता,
दुखी जनों के वह दु:ख हरता।
रोते मुखड़े रोज हंसाता,
ओंठों पर मुस्कानें लाता।
हंसते-हंसते फिर इठलाकर,
बल्लू बोला छूमंतर। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

ये 10 फूड्स खाकर बढ़ जाता है आपका स्ट्रेस, भूलकर भी ना करें इन्हें खाने की गलती

खाली पेट पेनकिलर लेने से क्या होता है?

बेटी को दीजिए ‘इ’ से शुरू होने वाले ये मनभावन नाम, अर्थ भी मोह लेंगे मन

खाने में सफेद नमक की जगह डालें ये 5 चीजें, मिलेगा परफेक्ट और हेल्दी टेस्ट

Hustle Culture अब पुरानी बात! जानिए कैसे बदल रही है Work की Definition नई पीढ़ी के साथ

सभी देखें

नवीनतम

विश्व जनसंख्या दिवस 2025: जानिए इतिहास, महत्व और इस वर्ष की थीम

वर्ल्ड पॉपुलेशन डे पर पढ़ें जनसंख्या के प्रति जागरूकता के लिए 25 प्रेरक नारे, कोट्स और अनमोल वचन

सावन में हुआ है बेटे का जन्म तो लाड़ले को दीजिए शिव से प्रभावित नाम, जीवन पर बना रहेगा बाबा का आशीर्वाद

बारिश के मौसम में साधारण दूध की चाय नहीं, बबल टी करें ट्राई, मानसून के लिए परफेक्ट हैं ये 7 बबल टी ऑप्शन्स

इस मानसून में काढ़ा क्यों है सबसे असरदार इम्युनिटी बूस्टर ड्रिंक? जानिए बॉडी में कैसे करता है ये काम

अगला लेख