बाल गीत : मेरी गुड़िया पाठ पढ़ेगी

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
मेरी गुड़िया पाठ पढ़ेगी,
नन्हें-नन्हें छोटे से।
 
पापा लेकर आए कॉपी,
मम्मी लाई पेन।
दादाजी पुस्तक ले आए,
उन्हें तब पड़ा चैन।
छोटी पुस्तक के अक्षर हैं,
सुंदर मोटे-मोटे से।
 
अभी पड़ेगी बड़े प्रेम से,
'अ' अनार का पाठ।
आज दिख रहे हैं गुड़िया के,
परियों जैसे ठाठ।
हल्ला-गुल्ला सुनकर दादी,
जाग उठीं हैं सोते से।
  
कर डाले अक्षर उच्चारण 
उसने अपने आप।
पढ़े सभी स्वर, व्यंजन जैसे,
हों गायत्री जाप। 
कितना ज्ञान भरा गुड़िया के,
है दिमाग में छोटे से।
 

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