बाल कविता : घर-घर हिन्दी आम करो...

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
सुबह करो या शाम करो,
कुछ हिन्दी में काम करो।


 
अंग्रेजी तुमको आती है,
यह तो अच्छी बात बहुत।
दीगर और अन्य भाषाएं,
तुमको सच में ज्ञात बहुत।
 
पर इन सबके ऊपर भाई,
हिन्दी का ही नाम करो।
 
अपनी भाषा ही हम सबको,
सच्चा ज्ञान सिखाती है।
अपनी भाषा पढ़ने से ही,
बुद्धि सिद्ध हो पाती है।
 
हिन्दी में जीरो रहकर मत,
हिन्दी को गुमनाम करो।
 
अपनी भाषा में पढ़ने से,
ज्ञान तंतु झंकृत होते।
शब्दों को आंखों-कानों से,
झट दिमाग में भर देते।
 
खुले रखो हिन्दी के सब पथ,
नहीं सड़क को जाम करो।
 
हिन्दी में हो हिन्दुस्तानी,
यही हमारा नारा है।
उत्तर-दक्षिण-पूरब-पश्चिम,
सारा देश हमारा है।
 
हिन्दी भाषा जन-मन-गण है,
घर-घर हिन्दी आम करो।

 
Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

ये है दुनिया में खाने की सबसे शुद्ध चीज, जानिए क्या हैं फायदे

मकर संक्रांति 2025: पतंग उड़ाने से पहले जान लें ये 18 सावधानियां

भीगे हुए बादाम या सूखे बादाम, सेहत के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद

क्या आपको महसूस होती है सूर्यास्त के बाद बेचैनी, हो सकते हैं ये सनसेट एंग्जाइटी के लक्षण

थपथपाएं माथा, सेहत रहेगी दुरुस्त, जानें क्या है सही तरीका

सभी देखें

नवीनतम

समावेशी भाषा के रूप में हिन्दी

प्रियंका चोपड़ा की चमकदार स्किन का राज है घर में आसानी से बनने वाला ये फेस पैक

World Hindi Day 2025 : विश्व हिन्दी दिवस आज, जानें इस दिन के बारे में रोचक जानकारी

ये हैं कैंसर से लड़ने वाले सुपरफूड: अपनी थाली में आज ही करें शामिल

ये हैं 113 वर्षीय भारत की वृक्ष माता सालुमरादा थिमक्का, बच्चे नहीं हुए तो पेड़ों को दिया जीवन, मिला पद्मश्री सम्मान

अगला लेख