बाल कविता : हिंदी बहुत जरूरी है

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
दस मंजिल से नीचे आती,
मम्मी के संग लिफ्ट में।
सुबह-सुबह ही शाला जाती,
मैं तो पहली शिफ्ट में।
 
जोड़ घटाना गुणा भाग तो,
मैडम जी सिखलाती हैं।
अंग्रेजी की ए.बी.सी.डी.
भी लिखना बतलाती हैं।
 
लेकिन मुझको अपनी भाषा,
हिंदी प्यारी लगती है।
भारत माता की सुंदर छबि,
जग से से न्यारी लगती है।
 
अंग्रेजी तो सीखेंगे ही,
अंग्रेजी मजबूरी है।
पर मन की खुशियों की खातिर,
हिंदी बहुत जरूरी है।

 
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