बाल गीत : बरसात आई...

Webdunia
- राजा चौरसिया


 
ये झुंड बादलों के
देने लगे दिखाई,
पानी लगा बरसने
बरसात अहा आई।
 
रिमझिम, झड़ी या टप-टप
सड़कों पे कहीं छप-छप
सोंधी महक से धरती
फूली नहीं समाई।
 
चलती हवाएं ठंडी
खुशियों की हरी झंडी
परदे में छिपा सूरज
गरमी की है विदाई
 
सब ताल, नदी, जंगल
तरु भी मनाएं मंगल
मोरों ने नाच करके
बांकी छटा दिखाई। 
 
साभार- देवपुत्र 



 
Show comments

गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं खाना चाहिए बैंगन? जानिए क्या कहता है आयुर्वेद

हल्दी वाला दूध या इसका पानी, क्या पीना है ज्यादा फायदेमंद?

ज़रा में फूल जाती है सांस? डाइट में शामिल ये 5 हेल्दी फूड

गर्मियों में तरबूज या खरबूजा क्या खाना है ज्यादा फायदेमंद?

पीरियड्स से 1 हफ्ते पहले डाइट में शामिल करें ये हेल्दी फूड, मुश्किल दिनों से मिलेगी राहत

मेडिटेशन करते समय भटकता है ध्यान? इन 9 टिप्स की मदद से करें फोकस

इन 5 Exercise Myths को जॉन अब्राहम भी मानते हैं गलत

क्या आपका बच्चा भी हकलाता है? तो ट्राई करें ये 7 टिप्स

जर्मन मीडिया को भारतीय मुसलमान प्रिय हैं, जर्मन मुसलमान अप्रिय

Metamorphosis: फ्रांत्स काफ़्का पूरा नाम है, लेकिन मुझे काफ़्का ही पूरा लगता है.

अगला लेख