बाल गीत : पके आम का रस

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
मंगलवार, 21 मई 2024 (17:13 IST)
पके आम का रस पीलो जी,
पके आम का रस। 
 
इक गिलास से अधिक न पीना,
बस जी बस जी बस। 
 
अधिक पी लिया तो हो सकती,
है भारी गड़बड़। 
 
हो सकता है लगे बोलने,
पेट भड़ा भड़- भड़। 
 
पेंच अक्ल के ढीले हैं तो,
कस देता है रस। 
 
रस का स्वाद बड़ा अलबेला ,
देता बड़ा सुकून। 
 
इसको पीकर हंसते-हंसते ,
कट जाते मई जून। 
 
ताजे रस में बरफ मिलाकर,
पीना जस के तस।  
 
आम दशहरी लंगड़ा चौसा,
हैं मीठे की खान। 
 
मुर्दों में भी इसके रस से,
आ जाती है जान। 
 
इसके पीने दे हट जाती,
है मन की फंगस।  

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