बाल कविता : कैसे दिखते गांव

Webdunia
-डॉ. सुकीर्ति भटनागर
 
काश! अगर मैं चिड़िया होती,
दूर-दूर उड़ जाती।
घूम-घाम कर दूर गगन में,
अपना मन बहलाती।।
ऊपर से कैसी दिखती है,
प्यारी धरती सारी।
कैसे दिखते नदी, झील सब,
खेत, बाग, फुलवारी।।
गहरा सागर, ऊंचे पर्वत,
कैसे दिखते होंगे?
हरियाली के बीच नदी में
धीमे तिरते डूंगे।।
बड़ी इमारत छोटे घर सब,
कैसे दिखते गांव?
खिली-खिली-सी धूप कहीं की,
कहीं की गहरी छांव।।
धीरे-धीरे उड़ती रहती,
हर दिवस हवा के संग।
बड़े मजे से देखा करती,
कुदरत के सारे रंग।।
नहीं चाहिए थी गाड़ी, बस,
और न वायुयान।
उड़ते-उड़ते ही लख लेती,
सारा हिन्दुस्तान।

साभार- देवपुत्र 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

वैलेंटाइन डे डेट से पहले dull लग रही है स्किन? सिर्फ 5 मिनट में पाएं पार्लर जैसा ग्लो

इस बार वेलेंटाइन पर अपनी पार्टनर को दें हेल्थ केयर से जुड़े ये खास गिफ्ट्स

valentine day 2025: नई-नई हुई है शादी तो ऐसे बनाएं वेलेंटाइन डे को खास

तनाव को कम करने के लिए मजे से पीजिए ये चाय, ऐसे करती है असर

डाइजेशन का रखना है बेहतर तो डाइट में जरूर शामिल करें ये फ्रूट्स

सभी देखें

नवीनतम

छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम और गौरवशाली इतिहास का दर्शन कराते हैं महाराष्ट्र के ये किले, परिवार के साथ जाएं घूमने

आखिर क्यों खूबसूरत बने रहने के लिए जरूरी है कोलाजन, जानिए कैसे बढ़ा सकते हैं शरीर में प्राकृतिक तरीके से कोलाजन

शादी के बाद पहले वैलेंटाइन पर कुछ ऐसे सजाएं अपना घर, रोमांटिक डेट के लिए कहीं ओर नहीं जाने का करेगा मन

भोलेनाथ के हैं भक्त तो अपने बेटे का नामकरण करें महादेव के इन सुन्दर नामों पर, सदा मिलेगा भोलेनाथ का आशीर्वाद

Valentine Day Special : वेलेंटाइन डे, प्यार तब होगा सफल जब राशि होगी मैच

अगला लेख