पानी पर कविता : हल्ला कौन मचाता है?

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
Poem on Water
पानी बादल से आता है,
पानी नल से आता है।
 
अगर कहीं छत टूटी हो तो,
छत से भी आ जाता है। 
 
कभी नाक से आता पानी,
आंखों से आ जाता है।
 
बनकर कभी पसीना पानी,
माथे से बह जाता है।
 
इतने सारे स्थानों से,
अम्मा पानी आता है।
 
पानी कम है, पानी कम है,
हल्ला कौन मचाता है?

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