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बाल गीत : गांव हमारा

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प्रभुदयाल श्रीवास्तव

, सोमवार, 10 मार्च 2025 (11:27 IST)
गांव हमारा प्यारा सुंदर,
चारों तरफ छाई हरियाली।
बीच गांव में से बहती है,
एक नदी नीले जल वाली।
 
सड़कें सब चौड़ी-चौड़ी हैं,
लगे किनारे, सुंदर तरुवर।
बने घोंसले इन तरुओं पर,
पंछी चहकें फुदक-फुदक कर।
 
सारे के सारे घर पक्के,
बने यहां के हवादार हैं।
कहीं नहीं है यहां प्रदूषण,
बच्चे-बच्चे समझदार हैं।
 
एक तरफ है पर्वत ऊंचा,
उसकी शोभा बड़ी निराली।
सूर्योदय के समय भोर में,
फूल नाचते, गाती डाली।
 
ऐसा सुंदर गांव हमारा,
हमको लगता बहुत भला है।
सच में है सौभा हमारा,
हमको रहने यहां मिला है।

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)


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