मिस्टर टीचरराम।
पढ़ने में तुम बहुत गधे हो,
नालायक, नाकाम।
बच्चा बोला आज गधों का,
ही दुनिया में राज।
आज गधे ही बने हुए हैं,
दुनिया के सरताज।
मेरे पापा बी.ए. पास थे,
थे एम.ए. एम.एड।
साठ साल में सेवा निवृत,
होकर, हो गए डेड।
लेकिन मेरे चाचाजी तो,
रहे आठवीं फेल।
तीन बार पकड़े चोरी में,
गए शान से जेल।
आज निगम मंडल के हैं वे,
चुने गए अध्यक्ष।
बहुत बड़ा पद, पद होता है,
मंत्री के समकक्ष।
आज सुबह मैं सुनकर आया,
उनकी जय-जय कार।
लगता है कि गधे लोग ही,
चला रहे सरकार।
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