बाल कविता : कुदरत का जादू

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
पूरनमासी को चूहे ने, अपने पापा से पूछा,
आसमान में कौन लगाकर, गया बल्ब इतना ऊंचा।
 
अरे-अरे रे पापा-पापा, एक भेद हमसे बोलो,
रोज उजाला कमता जाता क्यों? रहस्य हमसे खोलो।
 
और अमावस को पापाजी, बल्ब फ्यूज क्यों हो जाता,
रात निकल जाती है सारी, बल्ब नहीं फिर जल पाता।
 
घटिया किसी कंपनी से यह, बल्ब खरीदा पापाजी,
लगा रहा है रोज देश को, कौन पलीता पापाजी।
 
पापा बोले बल्ब नहीं यह, चंदा प्यारा-प्यारा है,
बच्चे, बूढ़ों और युवाओं की आंखों का तारा है।
 
सूरज की जब पड़े रोशनी, हमें चमकता दिखता है,
अपनी चाल जगह के कारण, कमता-बढ़ता रहता है।
 
पूर्ण रोशनी उस पर पड़ती, तो पूनम है कहलाती, 
नहीं रोशनी पड़ती बिलकुल, तभी अमावस बन जाती।
 
प्रथमा से लेकर पूनम तक, जब वह बढ़ता जाता है,
भारत की ज्योतिष गणना में, सुदी पक्ष कहलाता है।
 
फिर से जब प्रथमा आती तो, चंदा घटता जाता है,
और अमावस आते-आते, बदी पक्ष बन जाता है।
 
नहीं बल्ब यह बेटा कोई, यह कुदरत का जादू है,
इस कुदरत के जादू पर तो, नहीं किसी का काबू है।
 
ईश्वर की सब लीलाओं में, सत्य झलकता रहता है,
चंदा-सूरज-तारे बनकर, वही चमकता रहता है।
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

नवरात्रि दुर्गा पूजा के फलाहार, जानें 9 दिनों के व्रत की रेसिपी

अप्रैल फूल डे 2025 से जुड़े 20 अनोखे और मजेदार फैक्ट्स जो आपको हैरान कर देंगे

गुड़ी पड़वा विशेष: गुड़ी पर क्यों चढ़ाते हैं गाठी/पतासे का हार, जानिए इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

Chaitra navratri diet: नवरात्रि में कैसे रखें अपनी सेहत का ख्याल? जानें सही डाइट टिप्स

चैत्र नवरात्रि में घर के वास्तु दोष दूर करने के लिए करिए ये सरल उपाय, मां दुर्गा की बरसेगी कृपा

सभी देखें

नवीनतम

बैठते या खड़े होते समय चटकती हैं पैरों की हड्डियां? जानिए इसके 5 बड़े कारण

ईद के इस चांद की तरह दमकता रहे आपका हर दिन, रब से बस यही दुआ मांगते हैं ईद के दिन... खास अंदाज में कहें ईद मुबारक

सुबह उठते ही लगती है तेज भूख? जानिए इसके 5 चौंकाने वाले कारण और राहत के उपाय

Gudi padwa Essay: गुड़ी पड़वा पर आदर्श निबंध हिन्दी में

गुड़ी पड़वा पर क्यों खाई जाती है कड़वी नीम और गुड़, जानिए सेहत को मिलते हैं क्या फायदे

अगला लेख