बाल गीत : करने दो आबाद हमें घर

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
बुधवार, 5 जून 2024 (15:07 IST)
कांधे बस्ता लादे-लादे,
हालत हो गई खस्ता जी।
नहीं छुएंगे बस्ता जी।
 
नाम न लो पुस्तक कॉपी का,
 फेंको रबर पेन्सिल दूर।
संडे की छुट्टी में पढ़ने,
लिखने का हो दूर फितूर।
हमको ख़ा लेने दो छककर,
गरम-समोसे खस्ता जी।
 
होम वर्क जैसे शब्दों को,
भूल जाओ गर्मी भर में।
कूदम-फादम, हल्लम-गुल्लम
की ही बातें हो घर में।           
स्कूलों की कूट-चाल में,
ना फंसने दें  बस्ता जी।
 
खेल कबड्डी, गुल्ली डंडा,
खो-खो-का आयोजन हो। 
हर घंटे रसगुल्ले-चमचम,  
मालपुओं का भोजन हो।
करने दो आबाद हमें घर 
दिन भर मस्ता-मस्ता जी।
 
(यहां पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

सेब के सिरके से केमिकल फ्री तरीके से करिए बालों की समस्या का समाधान

बच्चों के सिर में हो गई हैं जुएं तो ये घरेलू नुस्खे आजमाकर देखें, आसानी से मिलेगा छुटकारा

धूप से खो गया है हाथ-पैर का निखार, तो आजमाएं ये घरेलू नुस्खे

श्री कृष्ण को बहुत पसंद है ये हरी सब्जी, जानें इसके क्या है गुण

सेहत के लिए चमत्कार से कम नहीं जंगली रसगुल्ला! जानें 5 बेहतरीन फायदे

सभी देखें

नवीनतम

गर्मियों से पैरों की स्किन हो गई है टैन, इन 2 नुस्खों से लौट आएगा खोया निखार

दूध पीने से पहले क्यों होता है उबालना ज़रूरी? जानें इसके फायदे

बाल कविता : राजा जैसे काम करो

इस एक जुगाड़ से बनाएं फूली हुई तंदूरी रोटी, खाकर सब हो जाएंगे फैन

खून की कमी से आंखों पर ऐसा पड़ता है असर, जानें क्या हैं लक्षण

अगला लेख
More