वसंत ऋतु की कहानी : डैमेटर-फलेरी और राजा प्लेटो की रोचक यूनानी कथा

Webdunia
- जयेंद्र   
 
सचमुच वसंत का मौसम कितना खुशनुमा लगता है। वन में, बगियों में रंग-बिरंगे फूल खिले रहते हैं। आम की शाखा पर कोपले पंचम स्वर में कूंकती रहती हैं। भंवरे और तितली फूलों पर मंडराते रहते हैं, सूरजमुखी एवं सरसों के फूलों से अटे खेत सोने की तरह चमकते दिखाई देते हैं।
 
बुद्धि, विद्या और वाणी की देवी 'सरस्वती' का जन्मदिन 'वसंत पंचमी' के रूप में मनाया जाता है। इस दिन देवी सरस्वती की आराधना की जाती है। इस दिन पीले वस्त्र पहनना तथा पीले व्यंजन खाना शुभ समझा जाता है। 
 
यूनान में अनाज और कृषि की एक देवी मानी जाती है, जिसे 'डैमेटर' कहते हैं। किसी समय इस देवी के एक रूपवान लड़की थी, जिसका नाम था फलेरी। ऐसे ही एक बार जब यूनान में वसंत ऋतु चल रही थी तो फलेरी ने चुपचाप अपनी मां का सोने का रथ हांका और वह आसमान से धरती पर उतरी, अपने रथ को धरती के राजा प्लेटो के शाही बगीचे में ले जाकर मस्त-मस्त रंग-बिरंगे खुशबूदार फूलों के बीच घूमने-फिरने लगी, कभी फूल तोड़ने लगी तो कभी प्यारी-प्यारी तितलियां पकड़ने लगी..।
 
राजा प्लेटो जब किसी काम से अपने शाही उपवन में आया तो उसकी नजर फूलों के बीच खड़ी खूबसूरत फलेरी पर अटकी। वह उस पर मोहित हो गया। उसने तरकीब से उसका अपहरण कर अपने महल में ले गया और उसके साथ चुपचाप विवाह रचा लिया। 
 
इधर जब डैमेटर को अपनी बेटी स्वर्ग लोक में कहीं दिखाई न दी तो वह पृथ्वी पर उतरी। उसने पृथ्वी का चप्पा-चप्पा छान मारा, किंतु उसे अपनी बेटी कहीं नहीं मिली। अंत में वह निराश होकर एक पेड़ के नीचे बैठकर रोने लगी, जब सूर्य देवता ने डैमेटर को इस तरह रोते देखा तो उन्हें दया आ गई। उन्होंने फलेरी का पता उसे बता दिया। 
 
यह अनोखी खबर सुनते ही डैमेटर गुस्से में आग बबूला हो गई। आखिर वह भी एक देवी थी। राजा प्लेटो की यह मजाल कि वह उसकी बेटी को इस तरह चुराकर अपने महल में रख ले। उसने तुरंत घोषणा कर दी। पृथ्वी पर अनाज का एक भी दाना तब तक न निकले, जब तक कि उसकी बेटी उसे वापस नहीं मिल जाती। किसानों ने अपने खेतों में जी-तोड़ मेहनत की, खेतों को खाद से पाट दिया, किंतु सब व्यर्थ, अनाज का एक भी दाना नहीं उगा, अब तो पृथ्वी पर त्राहि-त्राहि मचने लगी। खलिहान सूने पड़े रहे। सभी देवताओं को चिंता होने लगी कि कहीं पृथ्वी पर अकाल न पड़ जाए? 
 
अंत में देवताओं के राजा जुपिटर ने यह निश्चय किया कि उसे शीघ्र ही इन दोनों में कोई समझौता करा देना चाहिए, नहीं तो अनर्थ हो जाएगा, उसने डैमेटर से आग्रह किया कि वह अपना कड़ा प्रतिबंध पृथ्वी से हटा ले...। 
 
लेकिन, डैमेटर तो अड़ी हुई थी कि जब तक उसे अपनी बेटी वापस नहीं मिल जाती, वह पृथ्वी पर एक भी बीज नहीं फूटने देगी। इधर प्लेटो भी फलेरी को छोड़ना नहीं चाहता था। अंत में जुपिटर ने दोनों के बीच एक समझौता कराया कि फलेरी छः महीने राजा प्लेटो के पास रहेगी और छः महीने अपनी मां के पास। 
 
फलेरी जब अपने पति के पास होती है तो वसंत ऋतु आ जाती है, फूल खिलकर महकने लगते हैं। वृक्षों पर कोयल की सुरीली आवाज सुनाई देने लगती है और जब छः महीने के लिए अपनी प्यारी-प्यारी मां के पास लौटती है तो पृथ्वी पर पतझड़ आ जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

शिशु को ब्रेस्ट फीड कराते समय एक ब्रेस्ट से दूसरे पर कब करना चाहिए शिफ्ट?

प्रेग्नेंसी के दौरान पोहा खाने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानिए गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद है पोहा

Health : इन 7 चीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से दूर होगी हॉर्मोनल इम्बैलेंस की समस्या

सर्दियों में नहाने से लगता है डर, ये हैं एब्लूटोफोबिया के लक्षण

घी में मिलाकर लगा लें ये 3 चीजें, छूमंतर हो जाएंगी चेहरे की झुर्रियां और फाइन लाइंस

सभी देखें

नवीनतम

सावधान! धीरे धीरे आपको मार रहे हैं ये 6 फूड्स, तुरंत जानें कैसे बचें

जीवन की ऊर्जा का मूल प्रवाह है आहार

Easy Feetcare at Home : एल्युमिनियम फॉयल को पैरों पर लपेटने का ये नुस्खा आपको चौंका देगा

जानिए नवजोत सिद्धू के पत्नी के कैंसर फ्री होने वाले दावे पर क्या बोले डाक्टर्स और एक्सपर्ट

इतना चटपटा चुटकुला आपने कभी नहीं पढ़ा होगा: इरादे बुलंद होने चाहिए

अगला लेख