बृहस्पति यदि है आठवें भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य

अनिरुद्ध जोशी
शनिवार, 2 मई 2020 (10:28 IST)
धनु और मीन का स्वामी गुरु कर्क में उच्च का और मकर में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में गुरु बलवान और सातवें, दसवें भाव में मंदा होता है। बुध और शुक्र के साथ या इनकी राशियों में बृहस्पति बुरा फल देता है। लेकिन यहां आठवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें और उपाय करें, जानिए।

 
कैसा होगा जातक : इसे श्मशान में बैठा साधु कहा गया है। मुसिबत के सब देवताओं का सहयोग। ऐसे व्यक्ति की सहायता के लिए देवता सदैव तत्पर रहते हैं। गुप्त विद्या को जानने का शौक होगा। दूसरे भाव में बृहस्पति के मित्र ग्रह बैठे हों तो जंगल में भी मंगल होगा। यदि बुध, शुक्र या राहू दूसरे, पांचवें, नौवें, ग्यारहवें या बारहवें भाव में हों तो जातक के पिता बीमार होंगे और स्वयं जातक को प्रतिष्ठा की हानि हो सकती है।
 
 
5 सावधानियां :
1. धर्म और देवताओं का अपमान न करें।
2. वैराग्य के भाव से दूर रहें।
3. तंत्र-मंत्र, जादू-टोने से दूर रहें।
4. झूठ ना बोलें।
5. मांस और मदिरा का सेवन न करें।
 
क्या करें : 
1. पीपल का पेड़ लगाएं।
2. गुरु या शनिवार का उपवास करें।
3. सोना धारण करें।
4. मंदिर में घी, आलू और कपूर दान करें।
5. राहु से संबंधित चीजें जैसे गेहूं, जौ, सत्तू, नारियल आदि पानी में बहाएं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Dhanu sankranti : धनु संक्रांति से देश और दुनिया में क्या परिवर्तन होंगे?

नया सप्ताह कैसा रहेगा 12 राशियों के लिए, पढ़ें साप्ताहिक राशिफल

सूर्य का धनु राशि में प्रवेश, जानिए 12 राशियों का राशिफल, क्या होगा भविष्यफल

महाकुंभ में क्या है धर्मध्वजा का महत्व, जानिए किस अखाड़े की कौन सी है पताका

बुध का वृश्चिक राशि में उदय, 3 राशियां रहें संभलकर

सभी देखें

नवीनतम

17 दिसंबर 2024 : आपका जन्मदिन

17 दिसंबर 2024, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

वर्ष 2025 में 16 प्रमुख हिंदू व्रत त्योहारों की सही दिनांक जानिए

Dhanu sankranti : धनु संक्रांति से देश और दुनिया में क्या परिवर्तन होंगे?

Weekly Panchang 2024: 16 से 22 दिसंबर का साप्ताहिक पंचांग, जानें 7 दिन के शुभ मुहूर्त

अगला लेख