कैसे होता केतु खराब? : * पुरखों का मजाक उड़ाना, अच्छे से श्राद्धकर्म नहीं करना।
* गृहकलह या घर-परिवार के लोगों से झूठ बोलना।
* दुर्गा, गणेश और हनुमान का अपमान करना या उनका मजाक उड़ाना।
* घर का वायव्य कोण खराब है तो केतु भी खराब होगा।
* तंत्र-मंत्र, जादू-टोना में विश्वास करने से भी केतु खराब होकर बुरा फल देता है।
* संतानों से अच्छा व्यवहार नहीं रखने पर भी केतु खराब हो जाता है।
कैसे पहचानें कि केतु खराब है, अगले पन्ने पर...
केतु खराब की निशानी : * कुंडली में मंगल के साथ केतु का होना बहुत ही खराब माना गया है।
* चन्द्र के साथ होने से चन्द्रग्रहण माना जाता है।
* मंदा केतु पैर, कान, रीढ़, घुटने, लिंग, किडनी और जोड़ के रोग पैदा कर सकता है।
* मन में हमेशा किसी अनहोनी की आशंका बनी रहती है।
* नींद में चमककर उठता है व्यक्ति। नींद कुत्ते जैसी हो जाती है।
* व्यक्ति भूत-प्रेत, तंत्र-मंत्र, जादू-टोने पर विश्वास करने लगता है।
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केतु शुभ की निशानी : केतु के शुभ होने से मकान, दुकान या वाहन पर ध्वज के समान व्यक्ति की प्रतिष्ठा और प्रसिद्धि रहती है। केतु का शुभ होना अर्थात पद, प्रतिष्ठा और संतानों का सुख। ऐसे व्यक्ति की कई संतानें रहती हैं।
केतु शुभ है तो व्यक्ति में पूर्वाभास की क्षमता होता। ऐसे व्यक्ति कुल को तारने वाला होगा।
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