Hanuman Chalisa

जब असुर और ग्रह नहीं है तो कौन हैं राहु और केतु, जानिए

अनिरुद्ध जोशी
बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होगा कि क्या राहु और केतु सच में 2 असुर हैं या कि ये ग्रह हैं? यहां यह कहना होगा कि राहु और केतु नाम के 2 असुर तो हैं लेकिन उनका किसी ग्रह से कोई संबंध नहीं और जो ग्रह हैं, उन्हें ग्रह कहना हमारी मजबूरी है। उन असुरों के नाम पर ही इन दोनों ग्रहों का नामकरण हुआ है।
 
छाया ग्रह : दरअसल, एक तो आप हैं और दूसरा आपकी छाया तो निश्चित ही आपकी छाया का भी तो अस्तित्व है लेकिन आप छाया नहीं हैं, यह भी सत्य है। उसी तरह ग्रहों की छाया को भी ग्रह की श्रेणी में रखा गया है। दूसरा यह कि एक पिंड की छाया दूसरे पिंडों पर पड़ने से ही सूर्य और चन्द्र ग्रहण होते हैं। यह छाया ही राहु और केतु कहलाती है। जब भी राहु कुंडली में किसी ग्रह के साथ होता है तो उस ग्रह को ग्रहण लग जाता है।
 
राहु ग्रह न होकर ग्रह की छाया है, हमारी धरती की छाया या धरती पर पड़ने वाली छाया। छाया का हमारे जीवन में बहुत असर होता है। कहते हैं कि रोज पीपल की छाया में सोने वाले को किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता लेकिन यदि बबूल की छाया में सोते रहें तो दमा या चर्म रोग हो सकता है। इसी तरह ग्रहों की छाया का भी हमारे जीवन में असर होता है।
 
परिभ्रमण पथ : मान लो कि धरती स्थिर है, तब उसके चारों ओर सूर्य का एक काल्पनिक परिभ्रमण-पथ बनता है। पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा का एक परिभ्रमण पथ है ही। ये दोनों परिभ्रमण-पथ एक-दूसरे को 2 बिंदुओं पर काटते हैं। दोनों ही समय इन्होंने पाया होगा कि सूर्य, चन्द्र, पृथ्वी एवं सूर्य, चन्द्र के परिभ्रमण-पथ पर कटने वाले दोनों बिंदु लंबवत हैं। इन्हीं बिंदुओं के एक सीध में होने के फलस्वरूप अमावस्या विशेष के दिन सूर्य तथा विशेष पूर्णिमा की रात्रि को चन्द्र आकाश से लुप्त हो जाता है। प्राचीन ज्योतिषियों ने इन बिंदुओं को महत्वपूर्ण पाकर इन बिंदुओं का नामकरण 'राहु' और 'केतु' कर दिया।
 
पुराण अनुसार : पुराणों के अनुसार राहु सूर्य से 10,000 योजन नीचे रहकर अंतरिक्ष में भ्रमणशील रहता है। कुंडली में राहु-केतु परस्पर 6 राशि और 180 अंश की दूरी पर दृष्टिगोचर होते हैं, जो सामान्यत: आमने-सामने की राशियों में स्थित प्रतीत होते हैं। इनकी दैनिक गति 3 कला और 11 विकला हैं। ज्योतिष के अनुसार 18 वर्ष 7 माह 18 दिवस और 15 घटी- ये संपूर्ण राशियों में भ्रमण करने में लेते हैं।
 
शरीर में राहु क्या है?
बुध ग्रह हमारी बुद्धि का कारण है, लेकिन जो ज्ञान हमारी बुद्धि के बावजूद पैदा होता है उसका कारण राहु है। जैसे मान लो कि अकस्मात हमारे दिमाग में कोई विचार आया या आइडिया आया तो उसका कारण राहु है। राहु हमारी कल्पना-शक्ति है, तो बुध उसे साकार करने के लिए बुद्धि कौशल पैदा करता है। रास्ते में पड़ा पत्‍थर राहु है। हमारे जीवन में अकस्मात होने वाली घटनाओं का कारण भी राहु है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Karwa chauth 2025: करवा चौथ पूजा की सामग्री, संपूर्ण पूजन विधि और कथा

Diwali 2025 date: दिवाली कब है वर्ष 2025 में, एक बार‍ फिर कन्फ्यूजन 20 या 21 अक्टूबर?

मासिक धर्म के चौथे दिन पूजा करना उचित है या नहीं?

Solar Eclipse 2026: वर्ष 2026 में कब होगा सूर्य ग्रहण, कहां नजर आएगा और क्या होगा इसका समय?

karva cahuth 2025: करवा चौथ पर छन्नी से क्यों देखा जाता है पति का चेहरा, इस दिन क्यों सीधे नहीं देखना चाहिए चंद्रमा

सभी देखें

नवीनतम

Ahoi Ashtami 2025: अहोई अष्टमी पूजा कब है, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजन विधि और कथा

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ से ठीक पहले शुक्र का कन्या राशि में गोचर, 9 अक्टूबर से इन 3 राशियों की बदलेगी किस्मत

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ पर सूर्य और चंद्रमा की बदलेगी चाल, इन 3 राशियों के लिए बनेंगे आकस्मिक धनलाभ के महासंयोग

Chhath puja 2025 date: वर्ष 2025 में कब है छठ पूजा, जानिए संपूर्ण दिनों की जानकारी

Karwa chauth 2025: करवा चौथ पर अपनी राशि के अनुसार पहनें परिधान