शुक्र यदि है बारहवें भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य

अनिरुद्ध जोशी
सोमवार, 1 जून 2020 (10:52 IST)
वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह मीन में उच्च और कन्या में नीच का होता है। लाल किताब में सप्तम भाव शुक्र का पक्का घर है। सूर्य और चंद्र के साथ या इनकी राशियों में शुक्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां बारहवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें और क्या करें जानिए।
 
कैसा होगा जातक : इस खाने में शुक्र को 'लक्ष्मी' कहा गया है। यहां शुक्र उच्च का होता है। यदि वह चरित्र का उत्तम है तो जातक को महिला और सरकार से मदद मिलने के चांस ज्यादा रहते हैं। पत्नी मुसीबत के समय ढाल बनकर काम करेगी। लेकिन बृस्पति के घर में होने के कारण पत्नी के स्वास्थ्य की अतिरिक्त देखभाल करना होगी। शुक्र बारह के समय दूसरे या छठवें भाव में बैठा बुध जातक को रोगी बनाता हैं और जातक को साहित्यिक और काव्य प्रतिभा प्रदान करता है। ऐसा जातक 59 साल की उम्र में आध्यात्मिक शक्तियों प्राप्त करता है और 96 वर्षों तक जीवित रहता है।
 
शुक्र की सावधानियां :
1. पत्नी का किसी भी तरह से अपमान न करें।
2. शराब, मांस और व्याभिचार से दूर रहें।
3. झूठ ना बोलें। 
4. ब्याज का धंधा न करें।
5. खुद की और पत्नी की सेहत का ध्यान रखें।
 
क्या करें : 
1. प्रति शुक्रवार को विष्णु लक्ष्मी मंदिर में जाएं।
2. शुक्रवार का व्रत करें और उस दिन खटाई ना खाएं।
3. बृहस्पति के उपाय करें।
4. यदि पत्नी दूसरों को दान देती है तो वह पति के लिए किसी रक्षा की दीवार की तरह काम करेगी।
5. लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर पत्नी (स्त्री) नीला फूल या फल सूर्यास्त (शाम) के समय किसी सुनसान जगह पर खोद कर दबाए, इससे स्वास्थ अच्छा रहेगा।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

सूर्य की शत्रु ग्रह शनि से युति के चलते 4 राशियों को मिलेगा फायदा

असम में मौजूद है नॉर्थ ईस्ट का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, महाशिवरात्रि पर उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

Mahashivaratri 2025: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, आरती और कथा सभी एक साथ

सभी देखें

नवीनतम

जानकी जयंती 2025: माता सीता का जन्म कब और कैसे हुआ था?

Mahashivratri 2025: कैसे करें महाशिवरात्रि का व्रत?

Aaj Ka Rashifal: इन 5 राशियों को मिलेगा आज कारोबार में अपार धनलाभ, पढ़ें 17 फरवरी का दैनिक भविष्यफल

17 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

17 फरवरी 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख