नई दिल्ली। वाहनों की बिक्री में भारी गिरावट के बीच देशभर में वाहन डीलर बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं।
उद्योग संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने दावा किया है कि पिछले 3 माह के दौरान खुदरा विक्रेताओं ने बिक्री में भारी गिरावट की वजह से करीब 2 लाख कर्मचारियों की छंटनी की है। फाडा ने कहा कि निकट भविष्य में स्थिति में सुधार की संभावना नहीं दिख रही है जिसकी वजह से और शोरूम बंद हो सकते हैं तथा छंटनी का सिलसिला जारी रह सकता है।
फाडा के अध्यक्ष आशीष हर्षराज काले ने कहा कि बिक्री में गिरावट की वजह से डीलरों के पास श्रमबल में कटौती का ही विकल्प बचा है। काले ने कहा कि सरकार को वाहन उद्योग को राहत देने के लिए माल एवं सेवाकर (जीएसटी) में कटौती जैसे उपाय करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि अभी ज्यादातर छंटनियां फ्रंट एंड बिक्री में हो रही हैं, लेकिन सुस्ती का यह रुख यदि जारी रहता है तो तकनीकी नौकरियां भी प्रभावित हो सकती हैं। यह पूछे जाने पर कि देशभर में डीलरशिप में कितनी नौकरियों की कटौती हुई है? काले ने कहा कि अभी तक 2 लाख लोगों को बाहर किया गया है।
देशभर में 15,000 डीलरों द्वारा परिचालित 26,000 वाहन शोरूमों में करीब 25 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला हुआ है। इसी तरह 25 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से इस क्षेत्र में रोजगार मिला है तथा पिछले 3 माह के दौरान डीलरशिप से 2 लाख श्रमबल को कम किया गया है। इससे पहले इस साल अप्रैल तक 18 माह की अवधि में देश में 271 शहरों में 286 शोरूम बंद हुए हैं जिसमें 32,000 लोगों की नौकरियां गई थीं। 2 लाख नौकरियों की यह कटौती इसके अतिरिक्त है।
काले ने कहा कि अच्छे चुनावी परिणाम और बजट के बावजूद वाहन क्षेत्र में सुस्ती है। इस साल मार्च तक डीलरों ने श्रमबल में कटौती नहीं की थी, क्योंकि हमें लग रहा था कि यह सुस्ती अस्थायी है लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। इस वजह से डीलरों ने श्रमबल में कमी करनी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि हम कर्मचारियों के प्रशिक्षण में काफी निवेश करते हैं, ऐसे में कर्मचारियों को हटाना आखिरी विकल्प है।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में सभी श्रेणियों में वाहनों की बिक्री 12.35 प्रतिशत घटकर 60,85,406 इकाई रह गई। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में वाहन बिक्री 69,42,742 इकाई रही थी। (भाषा)