अंतरराष्ट्रीय तनाव के बीच कच्चा तेल लुढ़का

Webdunia
सोमवार, 16 अप्रैल 2018 (13:05 IST)
सिंगापुर। सीरिया पर किए गए अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के संयुक्त हमले तथा अमेरिका में ड्रिलिंग का काम बढ़ने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें सोमवार को एक फीसदी लुढ़क गईं। शनिवार को सीरिया पर अमेरिका,फ्रांस और ब्रिटेन ने मिलकर 105 मिसाइलें दागीं।

इन देशों का कहना है कि उनका निशाना सीरिया में रासायनिक हथियार के तीन ठिकाने थे और उन्होंने ये हमला गत सात अप्रैल को दमिश्क के पास के इलाके दुमा में जहरीले गैस के संदिग्ध हमले के विरोध में किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार पर इस हमले के अलावा अमेरिका में नए उत्पादन के लिए ड्रिलिंग का काम बढ़ने से भी दबाव है।

लंदन का ब्रेंट क्रूड वायदा 73 सेंट यानी एक फीसदी लुढ़ककर 71.85 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अमेरिकी बाजार में कच्चे तेल के दाम 0.9 फीसदी यानी 57 सेंट फिसलकर 66.82 डॉलर प्रति बैरल बोले गए। कारोबारियों के मुताबिक अमेरिका ऊर्जा कंपनियों ने 13 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में नए उत्पादन के लिए सात तेल कुओं में ड्रिलिंग शुरू कर दी है। इसे मिलाकर कुल 815 कुओं में ड्रीलिंग हो रही है, जो मार्च 2015 के बाद का सबसे उच्चतम आंकड़ा है। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

राष्ट्रपति पुतिन पर भड़के जेलेंस्की, रूस को लेकर कह दी बड़ी बात, अब क्या होगा Putin का रुख

Salman Khurshid : कांग्रेस नेताओं के बर्ताव से क्यों दुखी हुए सलमान खुर्शीद, कह दी चुभने वाली बात

Coronavirus Alert : पश्चिम बंगाल में कोरोनावायरस की भयानक स्थिति, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- ‘अगली कोविड महामारी’ अभी खत्म नहीं हुई

Pakistan में आने वाली है प्रलयकारी मुसीबत, IRSA के डरावने आंकड़ों से आतंकिस्तान में मचा हाहाकार

एलन मस्क के पिता अयोध्या में रामलला के दर्शन करने क्यों आए, बोलेंगे जय श्रीराम

सभी देखें

नवीनतम

​Waqf Umeed Portal : वक्फ संपत्तियों को लेकर सरकार का एक और बड़ा फैसला, 6 जून को लॉन्च करेगी पोर्टल 'उम्मीद', प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन होगा जरूरी

1 करोड़ कैश, 3.5 KG सोना, IRS ऑफिसर के ठिकानों पर CBI का सर्च ऑपरेशन

रूस ने फिर ठुकराया सीजफायर, इस्तांबुल में घंटाभर चली यूक्रेन से बातचीत की नौटंकी

Indigo विमान से पक्षी टकराया, रांची एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग, 175 यात्री सुरक्षित

MP : ​पहली बार पचमढ़ी के राजभवन में होगी मोहन सरकार की कैबिनेट, जानें क्या है इस ऐतिहासिक इमारत का इतिहास

अगला लेख