India vs England Test Series : करुण नायर को दोबारा भारत की जर्सी पहनने के लिए आठ साल का लंबा इंतजार करना पड़ा लेकिन टेस्ट क्रिकेट में अपनी दूसरी पारी के 25 दिनों के अंदर कर्नाटक के इस बल्लेबाज के लिए इंग्लैंड के खिलाफ मौजूदा टेस्ट श्रृंखला में लगातार छह विफलताओं के बाद टीम में जगह बरकरार रखना शायद मुश्किल होगा।
घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने के बाद भारतीय टीम में वापसी करने वाले नायर (Karun Nair) ने कैंटरबरी में इंग्लैंड लायंस (England Lions) के खिलाफ भारत ए के लिए दोहरा शतक लगाकर इस दौरे की शानदार शुरुआत की थी। उन्होंने इस प्रदर्शन से अंतिम एकादश में जगह के लिए अपना दावा मजबूत किया था।
इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले, एजबेस्टन और लॉर्ड्स में तीन टेस्ट मैचों के बाद नायर ने 22 से कम के औसत से केवल 131 रन बनाए हैं। गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के नेतृत्व वाले टीम प्रबंधन के लिए इन आंकड़ों को नजरअंदाज करना बेहद मुश्किल होगा।
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Thank you Karun Nair for all the test cricket memores,
Now It's time to show levels to those Ranji bowlers pic.twitter.com/kmHiwJBi9N
— TukTuk Academy (@TukTuk_Academy) July 13, 2025
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लीड्स में डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में नाकाम रहने वाले साई सुदर्शन ने दूसरी पारी में 30 रन बनाये और इस दौरान काफी सहज दिखे। टीम ने हालांकि नायर के साथ आगे बढ़ने को तरजीह दिया क्योंकि उनकी उम्र 34 के करीब है तो वही युवा बल्लेबाज सुदर्शन (Sai Sudarshan) के पास खुद को साबित करने के लिए अभी काफी समय है।
नायर के लिए यह करो या मरो वाली स्थिति थी। गंभीर तथा कप्तान शुभमन गिल (Shubman Gill) के पास भी उन्हें पर्याप्त मौके देने के पीछे बहुत तर्क था। ऐसा भी नहीं है कि नायर तीनों मैचों में पूरी तरह से बेअसर दिखे। उन्होंने इस दौरान कुल 249 गेंदों का सामना किया लेकिन बेहतरीन तेज गेंदबाजी और स्विंग के सामने वह असहज दिखे।
क्रिस वोक्स (Chris Woakes) की 130 किलोमीटर प्रति घंटे के आस-पास की रफ्तार के खिलाफ उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई लेकिन ब्रायडन कार्स (Brydon Carse) या जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) की अधिक तेज गति के सामने वह थोड़े असहज दिख रहे थे।
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Karun Nair : Dear Cricket give me one more chance.
— Abhishek (@MSDianAbhiii) July 13, 2025
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भारत के पूर्व चयनकर्ता एवं दिल्ली रणजी टीम के पूर्व कोच देवांग गांधी ने उनके खेल का विश्लेषण करते हुए पीटीआई से कहा, वह कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन अचानक उसकी एकाग्रता भंग हो जा रही है। लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट की शुरुआती पारी को छोड़ दे तो उसने हर पारी में कम से कम 30 गेंदों का सामना किया है। इसका यह मतलब है कि वह काफी मेहनत कर रहा है लेकिन यह परिणाम में नहीं बदल रहा है।
गांधी ने कहा, नायर गेंद पर प्रतिक्रिया देने में थोड़ी देर कर रहे हैं। आप अगर बारीकी से देखें तो जब गेंदबाज गेंद छोड़ने वाला होता है तो उनका अगला पैर हवा में होता है और इसका मतलब यह है कि वह बैकफुट पर जाना चाहते हैं। इससे वह गेंद पर प्रतिक्रिया देने में देर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, इस तकनीक के साथ वह वोक्स की गति से सामंजस्य बिठा सकते हैं लेकिन आर्चर, कार्स और यहां तक की स्टोक्स की गति का सामना करते समय वह परेशानी में दिख रहे हैं।
गांधी ने कहा कि करियर के इस पड़ाव पर उन्हें थोड़ी जल्दी प्रतिक्रिया देनी होगी या गेंदबाजों की गति के हिसाब से प्रतिक्रिया देने को तय करना होगा। इस उम्र में हालांकि यह बदलाव करना मुश्किल है।
भारत 23 जुलाई से ओल्ड ट्रैफर्ड में अगला टेस्ट खेलेगा और टीम प्रबंधन के पास नायर को एक और मौका देने को लेकर फैसला करने का काफी समय होगा।
गांधी और भारत के पूर्व विकेटकीपर दीप दासगुप्ता दोनों का मानना है कि अब सुदर्शन को मौका देने का समय आ गया है।
दासगुप्ता ने कहा, आपको भविष्य को देखना होगा। करुण 34 के करीब हैं और साई 21 के हैं। आप अगर यह तय कर लिया है कि साई आपके लिए भविष्य के खिलाड़ी है तो उन्हें इंग्लैंड में टेस्ट खेलने का अनुभव प्राप्त देना होगा। वह अभी सीख रहे हैं और बेहतर ही होंगे। (भाषा)