25 जून 1983: वनडे विश्वकप जीतने के बाद भारतीय टीम पर लगा 'कमजोर टीम' का धब्बा मिट गया

Webdunia
शुक्रवार, 25 जून 2021 (10:52 IST)
25 जून भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। यह वह तारीख है जिसने क्रिकेट की लोकप्रियता इस देश में एक बड़े स्तर तक पहुंच गई। बच्चा-बच्चा कपिल देव, बिशन सिंह बेदी, अरुण लाल बनना चाहता था क्योंकि 1983 में आज ही के दिन भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज जैसी धुरंधर टीम को हराया जिसने पहले दो विश्वकप जीते थे और तीसरे विश्वकप में कागज पर बेहद मजबूत थी।

कप्तान कपिल ने बदल दी भारतीय टीम की छवि

1983 के विश्वकप में भारत फिर एक छोटी टीम आंकी जा रही थी। इससे पहले दो विश्वकप में भारतीय टीम सिर्फ 1 मैच जीत पायी थी। इन दोनों विश्वकप में  श्रीनिवासराघवन वेंकटराघवन कप्तान थे, लेकिन 83 के विश्वकप में कमान कपिल देव के हाथों सौंपी गई। दिलचस्प बात यह है कि कपिल देव शुरुआती दिनों में वेंकटराघवन से काफी डरते थे। लेकिन अब वह उनकी जगह ले चुके थे।

कपिल ने भारतीय टीम की कमान 1982 में उस समय में संभाली थी, जब क्रिकेट खेलने वाले वेस्‍टइंडिज, इंग्‍लैड जैसे देशों के सामने भारतीय टीम की बिसात बांग्‍लादेश और केन्‍या जैसी टीमों की तरह थी। क्रिकेट प्रेमी तो दूर, कोई भारतीय खिलाड़ी भी उस समय विश्व कप जीतने के बारे में सोच नहीं रहा था। तब कौन जानता था कि कपिल के जांबाज खिलाड़ी इतिहास रचने जा रहे हैं।
 
इस टीम में श्रीकांत के अलावा मोहिंदर अमरनाथ, यशपाल शर्मा, रोजर बिन्नी, संदीप पाटिल, सुनील गावस्कर, बिशन सिंह बेदी, मदनलाल जैसे खिलाड़ी थे।लीग मैचों की शुरुआत में वेस्टइंडीज से हुए पहले ही मैच में भारतीय टीम ने विश्वक्रिकेट को चौंका दिया जब गत विजेता को भारत ने 34 रनों से हरा दिया। दूसरे मैच में कमजोर जिमबाब्वे द्वारा सामने रखा गया 155 रनों का लक्ष्य भारत ने 5 विकेट खोकर बना लिया। हालांकि इसके बाद ऑस्ट्रेलिया से 162 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा। वेस्टइंडीज ने दूसरे लीग मुकाबले में गलती नहीं की और भारत को 66 रनों से हरा दिया। 
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#OnThisDay in 1983: A historic day for the Indian cricket as the @therealkapildev-led #TeamIndia lifted the World Cup Trophy.  pic.twitter.com/YXoyLyc5rO

— BCCI (@BCCI) June 25, 2021 >
जिम्बाब्वे से हुआ दूसरा लीग मैच कपिल देव के 175 रनों के लिए अभी तक जाना जाता है। 9 रनों पर 4 विकेट खो चुकी भारत की टीम को कपिल का संबल मिला। उन्होंने 175 रनों की मैराथन पारी खेली। इस पारी की बदौलत भारत 31रन से जीत गया। आत्मविश्वास से लबरेज भारतीय टीम ने फिर ऑस्ट्रेलिया को भी 116 रनों से पटखनी दे दी।  
 
सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला मेजबान इंग्लैंड से हुआ। पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड ने निर्धारित 60 ओवरों में 213 रन बनाए। इसका पीछा भारत ने 4 विकेट खोकर पचपनवें ओवर में कर लिया। फाइनल में भिडंत गत विजेता वेस्टइंडीज से होनी थी। 
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#OnThisDay in 1983, a moment of triumph for India 

Kapil Dev led them to their first @cricketworldcup win with a 43-run victory over West Indies in the final  pic.twitter.com/u3oewIaJnX

— ICC (@ICC) June 25, 2021 >
फाइनल में वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड ने टॉस जीतकर पहले भारत को बल्लेबाजी के लिए कहा। भारतीय टीम 54.4 ओवरों में केवल 183 रन जोड़कर आउट हो गई।वेस्टइंडीज की पूरी टीम 52 ओवरों में 140 रन पर आउट हो गई और भारत ने यह मैच 43 रनों के अंतर से जीत लिया। मोहिन्दर अमरनाथ को उनके हरफनमौला प्रदर्शन (26 रन और 3 विकेट) के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।
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