इंदौर। शहर के वरिष्ठ खेल पत्रकार और समीक्षक डॉ. स्वरूप बाजपेयी का रविवार को 78 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे क्रिकेट के प्रसिद्ध सांख्यिकीविद रहे और उन्हें क्रिकेट का चलता फिरता इनसाइक्लोपीडिया माना जाता था।
डॉ. स्वरूप बाजपेयी पिछले कुछ समय से गले के कैंसर से पीड़ित थे। उनके परिवार में पत्नी के अलावा 5 बेटियां और 1 बेटा है। एक सप्ताह के भीतर शहर में ख्यात खेल हस्तियों के दुनिया से विदा होने का यह दूसरा मामला है।
इससे पहले बास्केटबॉल के पूर्व नेशनल खिलाड़ी और नए बॉस्केटबॉल कॉम्पलेक्स के कर्णधार भूपेंद्र बंडी जी का निधन हुआ था और अब डॉ. बाजपेयी हमारे बीच नहीं रहे हैं।
डॉ. बाजपेयी कई दशक तक नईदुनिया अखबार से जुड़े रहे। यही नहीं, उन्होंने 1983 से 2005 तक नईदुनिया की खेल पत्रिका 'खेल हलचल' का जिम्मा भी संभाला। वे शहर के ऐसे शख्स थे, जिन्हें क्रिकेट के आंकड़ें मुंह जुबानी याद रहते थे।
1999 में डॉ. बाजपेयी ने वन-डे क्रिकेट विश्व कप पर पुस्तक का प्रकाशन भी किया। उन्होंने इंदौर क्रिश्चियन कॉलेज से पढ़ाई पूरी की और फिर बाद में यहीं पर इतिहास के विभागाध्यक्ष रहे। उन्हें कॉलेज से इस कदर लगाव था कि सेवानिवृत्ति के बाद भी वहीं पढ़ाते रहे।
डॉ. बाजपेयी मध्य भारत के एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने होलकर कालीन क्रिकेट और कुश्ती पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की थी। उन्हें कविताओं का भी शौक था। छात्र जीवन में वे राजनीति में भी सक्रिय रहे।
हमेशा हंसमुख और लोगों की मदद में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले डॉ. बाजपेयी के गले में कैंसर होने के कारण उनका स्वास्थ्य लगातार गिरता चला गया और उन्होंने रविवार को आखिरी सांस ली।
डॉ. बाजपेयी के अचानक निधन से इंदौर का पूरा खेल जगत स्तब्ध है। मध्यप्रदेश टेबल टेनिस संगठन के आजीवन अध्यक्ष पद्मश्री अभय छजलानी के अलावा, चेयरमैन ओम सोनी, अर्जुन अवॉर्डी कृपाशंकर बिश्नोई ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उनका अंतिम संस्कार सोमवार सुबह 9 बजे रामबाग मुक्तिधाम में होगा।