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मयंक अग्रवाल पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज क्यों हावी नहीं हो पाए, जानिए 5 कारण

हमें फॉलो करें मयंक अग्रवाल पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज क्यों हावी नहीं हो पाए, जानिए 5 कारण
मेलबोर्न , बुधवार, 26 दिसंबर 2018 (18:26 IST)
मेलबोर्न। भारत के नए सलामी बल्लेबाज और पदार्पण टेस्ट में अर्द्धशतक जमाकर दौरे में पहली बार भारत को अच्छी शुरुआत दिलवाने वाले मयंक अग्रवाल का नाम आज दिनभर सुर्खियों में रहा। मयंक पर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज क्यों नहीं हावी हो पाए, यह बात क्रिकेट बिरादरी में चर्चा का विषय बनी हुई है। 1947 के बाद मयंक पहले ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू टेस्ट में अर्द्धशतक जमाया है। आइए और जानिए क्या हैं इसके 5 कारण...
 
1. ऑस्ट्र‍ेलिया की स्पिन के नए जादूगर नाथन लियोन ने भारतीय बल्लेबाजों को पिछले दो टेस्ट मैच में काफी परेशान किया था। इस बार उनका जादू मयंक पर बिलकुल नहीं चला। 16 मैचों में विराट कोहली को 7 बार और चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे को 88 बार आउट कर चुके लियोन की मयंक ने जमकर खबर ली क्योंकि उन पर किसी तरह का दबाव नहीं था। यही कारण है कि वे डेब्यू टेस्ट में 76 रनों की पारी खेलने में कामयाब रहे।
 
2. मयंक अग्रवाल क्रिकेट के लिए नए नवेले नहीं हैं और उन्हें विदेशी सरजमी पर कुकाबुरा गेंद से खेलने का अच्छा अभ्यास है। न्यूजीलैंड में भारत ए टीम की तरफ से खेलते हुए वे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। बीता रणजी सीजन भी मयंक के लिए शानदार रहा था, जिसमें उन्होंने एक तिहरे शतक समेत 5 शतक और 2 अर्द्धशतक के साथ 13 पारियों में 105.45 की औसत से 1160 रन बनाए थे। इस साल विजय हजारे ट्रॉफी की 8 पारियों में उनके बल्ले से 723 रन निकले, जिसमें 3 शतक और 4 अर्द्धशतक शामिल थे।
 
3. मयंक ने ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों की चौकड़ी मिशेल स्टार्क, जोश हेजलवुड, पैट कमिंस और मिचेल मार्श के आक्रमण को नेस्तनाबूत किया और फिर स्पिनर लियोन की जमकर आरती उतारी। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज समझ ही नहीं पा रहे थे कि वे किस तरह भारत के सलामी बल्लेबाज के बल्ले पर अंकुश लगाए।
 
4. मयंक का फुटवर्क दीगर सलामी बल्लेबाजों की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर है। उन्होंने पहले ही ओवर में फंट फुट पर आकर स्टार्क के खिलाफ कवर ड्राइव के जरिए चौका निकाला, तभी अहसास हो गया था कि वे यहां कुछ कमाल करने वाले हैं। उनके लेट कट भी आकर्षक रहे। वे बहुत जल्दी गेंद को पढ़ लेते हैं और बिना किसी असमंजस के स्ट्रोक्स खेलते हैं।
 
5. अपने पदार्पण टेस्ट में मयंक ने कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई। मेलबोर्न के धीमे विकेट पर आते ही बेहद आत्मविश्वास के साथ अपनी पारी की शुरुआत की और पहले विकेट के लिए हनुमा विहारी को साथ लेकर 40 रन जोड़े। हनुमा ने भले ही 8 रन बनाने के लिए 66 गेंदें बर्बाद की लेकिन वे स्ट्राइक मयंक को ही देते रहे, जिन्होंने 161 गेंदों का सामना करने के बाद 8 चौके और 1 छक्के की मदद से 76 रन बनाए। यही नहीं, उन्होंने दूसरे विकेट की भागीदारी में चेतेश्वर पुजारा के साथ 83 रन जोड़े। (वेबदुनिया न्यूज) 

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