मिताली ने अगले विश्व कप के लिए खोला यह 'राज'

Webdunia
सोमवार, 9 अक्टूबर 2017 (20:17 IST)
नई दिल्ली। भारत की प्रेरणादायी महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने 2021 में अपने पांचवें विश्व कप में खेलने का विकल्प खुला रखा है बशर्ते उनकी फार्म और फिटनेस उन्हें निराश नहीं करे।
 
इस साल जून-जुलाई में इंग्लैंड में हुए विश्व कप में मिताली की अगुआई वाली भारतीय टीम ने फाइनल में जगह बनाई थी और इससे पहले उन्होंने कहा था कि यह उनका अंतिम विश्व कप होगा लेकिन अब लगता है कि एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने वाली इस बल्लेबाज ने अपना मन बदल लिया है।
 
मिताली ने कहा, मैंने अगले विश्व कप में खेलने के विचार को खारिज नहीं किया है लेकिन विश्व कप के चौथे साल तक पहुंचने के लिए मुझे पहले अगले तीन साल से गुजरना होगा।’ 
 
उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह देखना और आकलन करना भी महत्वपूर्ण होगा कि तब तक (2021 तक) मेरी फार्म कैसी रहती है, इसलिए अभी मैं अभी विश्व टी20 और 2018 के अन्य मैचों के बारे में सोच रही हूं।’ 
 
भारतीय टीम ने जुलाई में विश्व कप के बाद से कोई मैच नहीं खेला है और टीम अपनी अगली श्रृंखला फरवरी में ही खेलेगी।
 
मिताली ने कहा कि खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आईसीसी एकदिवसीय चैंपियनशिप की अपनी पहली श्रृंखला की तैयारी दिसंबर में शुरू करेगी। इस चैंपियनशिप के हिस्से के तौर पर भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 5 से 10 फरवरी तक तीन मैचों की श्रृंखला खेलनी है।
 
उन्होंने कहा, ‘घरेलू सत्र की शुरुआत दिसंबर में होगी और यह दक्षिण अफ्रीका दौरे की तैयारी का काम करेगा। इसके जरिए खिलाड़ी तीन महीने के ब्रेक के बाद खेल में दोबारा लय हासिल करने की शुरुआत करेंगी।’ 
 
मिताली बीसीसीआई की महिला क्रिकेट के लिए विशेष समिति का भी हिस्सा है जिसने हाल में घरेलू ढांचे में बदलाव करते हुए अंडर 16 वर्ग को पूरे भारत में लागू किया।
 
समिति ने युवा भारतीय खिलाड़ियों के लिए ‘ए’ दौरे शुरू करने का फैसला किया। मिताली का मानना है कि ‘ए’ दौरों से अगले विश्व कप के लिए टीम तैयार करने में काफी मदद मिलेगी।
 
महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए आईसीसी सीमित ओवरों के प्रारूप का इस्तेमाल कर रहा है और इस दौरान काफी कम टेस्ट मैच हो रहे हैं। मिताली ने हालांकि कहा कि टेस्ट क्रिकेट में खिलाड़ी की सबसे कड़ी परीक्षा होती है।
 
उन्होंने कहा, ‘अगर आपको अच्छी बुनियाद की जरूरत है तो टेस्ट प्रारूप प्रत्येक खिलाड़ी के लिए एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और टी20 मैचों से अधिक चुनौतीपूर्ण होता है।’ (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

INDvsNZ सीरीज के बाद इन 4 में से 2 सीनियर खिलाड़ियों हमेशा के लिए होंगे ड्रॉप

पहले 68 साल में सिर्फ 2 टेस्ट तो भारत में इस सीरीज के 10 दिनों में 3 टेस्ट मैच जीती न्यूजीलैंड

IPL को रणजी के ऊपर तरजीह देने के कारण ROKO हुए बर्बाद, सचिन गांगुली नहीं करते ऐसी गलती

श्रीलंका और भारत में टीम के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गंभीर पर उठ रहे सवाल

टेस्ट इतिहास का सबसे अनचाहा रिकॉर्ड बनने पर रोहित शर्मा बोले यह सबसे खराब दौर

सभी देखें

नवीनतम

7 रनों पर सिमटने वाली इस टीम ने बनाया T20I का शर्मनाक रिकॉर्ड (Video)

तेंदुलकर और कोहली की विरासत को आगे बढ़ा सकते हैं यशस्वी जायसवाल

जिन बांग्लादेशी क्रिकेटर्स को BCCI ने पहनाया था हार, उनका मेगा नीलामी में हुआ बहिष्कार

सईम अयूब का नाबाद शतक, पाकिस्तानी ने जिम्बाब्वे को 10 विकेट से हराया

दिल्ली सह मालिक के भावुक पोस्ट पर कीपर ऋषभ पंत ने ऐसे दिया जवाब

अगला लेख