लार्ड्स में हाल में संपन्न टेस्ट में Johnny Bairstow जॉनी बेयरस्टो की विवादास्पद स्टंपिंग को लेकर कुछ लोगों के पाखंड और निरंतरता की कमी दिखाने पर आलोचना करते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के एलीट पैनल के पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने कहा कि जब लोगों को क्रिकेट के नियमों के तहत आउट होने का तरीका पसंद नहीं आता तो वे खेल भावना की बात करते हैं।
दूसरे एशेज टेस्ट में बेयरस्टो की विवादास्पद स्टंपिंग के बाद इंग्लैंड के कोच ब्रैंडन मैकुलम और कप्तान बेन स्टोक्स जैसे लोगों ने कहा था कि यह खेल भावना के अनुरूप नहीं है।टॉफेल ने लिंकडिन पर लंबी पोस्ट में लिखा, मेरा अनुभव यह है कि जब लोगों को क्रिकेट के नियमों के तहत आउट होने का तरीका पसंद नहीं आता तो वे अपने नजरिए के समर्थन के लिए खेल भावना का हवाला देते हैं।
उन्होंने लिखा, लार्ड्स में जॉनी बेयरस्टो का आउट होना क्या खेल भावना का उल्लंघन था? क्या आपने किसी अंपायर को क्षेत्ररक्षण टीम को यह कहते हुए देखा है कि विकेटकीपर के पीछे खड़ा होने पर स्टंपिंग का प्रयास करने की स्वीकृति नहीं है।टॉफेल ने कहा, क्या किसी ने तब कोई शिकायत की थी जब बेयरस्टो ने मार्नस (लाबुशेन) को पहली पारी में इसी तरह आउट करने का प्रयास किया था। जॉनी बेयरस्टो ने अपने आउट होने के बारे में क्या कहा? वह काफी चुप रहा। क्यों?
बेयरस्टो के आउट होने के बाद ऑस्ट्रेलिया को बाकी बचे मैच के दौरान दर्शकों के बुरे व्यवहार का सामना करना पड़ा। दर्शकों ने मेहमान टीम की हूटिंग की और वही पुराने ऑस्ट्रेलियाई, हमेशा धोखाधड़ी करने वाले के नारे लगाए।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के अलावा कई पूर्व और मौजूदा खिलाड़ियों ने इस मुद्दे पर अपनी नजरिया रखा।टॉफेल ने लिखा, कुछ लोगों और समूहों द्वारा दिखाया गया पाखंड और निरंतरता की कमी काफी रोचक और हमारे खेल के भविष्य के लिए चिंताजनक है। शायद यहां सिर्फ मेरा ही यह रुख है। (भाषा)