युवराज सिंह बल्ले के जौहर दिखाने के लिए बेताब, संन्यास वापसी के लिए BCCI को लिखा खत

Webdunia
बुधवार, 9 सितम्बर 2020 (23:45 IST)
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके धुरंधर ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) संन्यास से बाहर आना चाहते हैं और कम से कम पंजाब के लिए घरेलू क्रिकेट में टी-20 खेलना चाहते हैं। वे अपने बल्ले के जौहर दिखाने के लिए बेताब हैं। इसके लिए उन्होंने बीसीसीआई (BCCI) को खत लिखा है।
 
युवराज सिंह कम से कम पंजाब के लिए घरेलू क्रिकेट में टी-20 खेलना चाहते हैं। युवराज ने जून 2019 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया था लेकिन संन्यास लेने के एक साल बाद उनके भीतर फिर से मैदान में उतरने की लालसा जाग उठी है। 
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2011 विश्व कप के 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' रहे युवराज ने पिछले कुछ महीनों में मोहाली के पीसीए स्टेडियम में पंजाब के युवा खिलाड़ियों शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा, प्रभसिमरन सिंह और अनमोलप्रीत सिंह के साथ समय गुजारा और इसी दौरान उनके अंदर वापसी करने की लालसा जागी है।
38 वर्षीय युवराज ने क्रिकबज से कहा, मैंने इन युवा खिलाड़ियों के साथ अच्छा समय गुजारा और उनके साथ खेल के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की। तब मैंने महसूस किया कि मैं जो उन्हें बता रहा हूं, वे उसका अनुसरण कर रहे हैं। मुझे इन युवा खिलाड़ियों को कुछ बातें बताने के लिए नेट्स पर जाना पड़ा और तब मुझे सुखद आश्चर्य हुआ कि मैं गेंद को अच्छी तरह हिट कर रहा हूं जबकि मैंने लम्बे समय से बल्ला नहीं उठाया है।
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पंजाब के खिलाड़ियों के ऑफ सीजन कैम्प तक युवराज ने लॉकडाउन प्रतिबंध हटाने के बाद ज्यादातर समय गोल्फ और टेनिस खेलते हुए गुजारा था। उन्होंने कहा, मैंने उन दो महीनों में ट्रेनिंग की और ऑफ सीजन कैम्प में बल्लेबाजी भी की। मैंने अभ्यास मैचों में रन बनाए। पंजाब क्रिकेट संघ के सचिव पुनीत बाली ने एक सत्र के बाद मुझसे कहा कि क्या मैं संन्यास से बाहर आने पर विचार कर सकता हूं।
युवराज ने बताया कि बाली का यह तर्क था कि पंजाब की टीम में काफी युवा खिलाड़ी हैं और वे पहले से ही उनसे मार्गदर्शन और सलाह ले रहे हैं और वह खुद भी अच्छी फिटनेस में दिखाई दे रहे हैं तो वापसी क्यों नहीं की जा सकती? युवी ने स्वीकार किया कि शुरुआत में उन्हें पूरा विश्वास नहीं था कि इस प्रस्ताव को स्वीकार करना चाहिए या नहीं। 
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उन्होंने कहा, मैं घरेलू क्रिकेट से भी हट चुका था हालांकि मैं दुनिया में घरेलू फ्रैंचाइजी आधारित लीग में खेलना चाहता था यदि मुझे बीसीसीआई से अनुमति मिल जाती। मैं बाली के आग्रह को ठुकरा नहीं सका और मैंने इस पर काफी विचार किया, लगभग तीन या चार सप्ताह तक। अंत में मुझे लगा कि मैं मैदान में लौट सकता हूं।
 
उन्होंने कहा, मेरे लिए प्रेरणा है कि पंजाब चैंपियनशिप जीते। भज्जी (हरभजन सिंह) और मैंने कई टूर्नामेंट जीते हैं लेकिन हमने पंजाब के लिए एक साथ ऐसा नहीं किया है और वापसी के पीछे यह एक बड़ा कारण है। शुभमन पहले ही भारत के लिए खेल रहे हैं और अन्य तीन लड़कों में भी काफी क्षमता है। यदि मैं पंजाब क्रिकेट के विकास में कुछ योगदान दे सका तो यह शानदार होगा और पंजाब से खेलकर ही तो मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक पहुंचा था।
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युवराज को जब यह विश्वास हो गया कि वह पंजाब के लिए एक-दो सत्र खेल सकते हैं तो उन्होंने बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को मेल भेजकर संन्यास से बाहर आने की अनुमति मांगी।
पूर्व ऑलराउंडर ने पिछले सप्ताह के पत्र में स्पष्ट किया था कि यदि उन्हें पंजाब से फिर खेलने दिया जाता है तो वह देश से बाहर खेलने के विकल्पों पर विचार नहीं करेंगे। उन्हें अभी तक बोर्ड से कोई जवाब नहीं मिला है।
 
उल्लेखनीय है कि ऐसी भी खबरें हैं कि युवराज ने ऑस्ट्रेलिया के घरेलू टूर्नामेंट बिग बैश लीग में खेलने की इच्छा व्यक्त की है। हालांकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) किसी भी भारतीय अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट खेलने वाले क्रिकेटर को अन्य देशों के टूर्नामेंट में खेलने की इजाजत नहीं देता है।
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युवराज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कनाडा के ग्लोबल टी-20 टूर्नामेंट और अबु धाबी में टी-10 टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। अगर वह बिग बैश लीग में खेलते हैं तो युवराज पहले भारतीय खिलाड़ी होंगे, जो इस टूर्नामेंट में खेलेंगे। युवराज ने कहा कि यदि उन्हें अनुमति मिलती है तो वह केवल टी-20 खेलेंगे लेकिन आगे क्या होगा कोई नहीं जानता है।
 
युवराज के पिता योगराज सिंह ने कहा, वह 20 साल के प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के बाद पिछले साल रिटायर हुआ और यह उसका निजी फैसला था जिसमें मैंने हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन तब भी मुझे लगा कि उसे संन्यास नहीं लेना चाहिए था। उन्होंने कहा, वह हमेशा क्रिकेट को देता ही आया है। ऐसे समय में भी चिलचिलाती धूप में वह शुभमन, प्रभ और अभिषेक को रोज पांच घंटे ट्रेनिंग करा रहा है।

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