Biodata Maker

धोनी की आलोचना करने वाले युवराज सिंह का बदला मन, कहा- माही ने ही करियर संवारा

Webdunia
मंगलवार, 4 अगस्त 2020 (20:52 IST)
नई दिल्ली। भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह को आमतौर पर पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का आलोचक माना जाता है लेकिन अब उनका मन बदल गया है। युवराज का कहना है कि उनके अंतरराष्ट्रीय करियर को धोनी ने ही उन्हें सही मायनों में संवारा था। युवराज ने बताया कि किस तरह वेस्टइंडीज दौरे में खराब प्रदर्शन के बाद 2017 में उन्हें वनडे टीम से बाहर रखा गया था तब धोनी ने उनके अंतरराष्ट्रीय करियर को लेकर वास्तविकता से परिचित कराया था। 
 
इस दौरे से पहले 2017 में आईसीसी चैपियंस ट्राफी में उन्होंने चार पारियों में महज 105 रन बनाए थे। युवराज ने नेटवर्क 18 से कहा, 'जब मैंने वापसी की तो कप्तान विराट कोहली ने मेरा समर्थन किया। अगर वह मेरा समर्थन नहीं करते तो मैं वापसी नहीं कर पाता। पंजाब के लिए खेलते हुए मैंने घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन किया लेकिन धोनी ने 2019 विश्व कप को लेकर मुझे वास्तविकता से परिचित कराया जो यह था कि चयनकर्ता इसमें मुझे शामिल करने को लेकर विचार नहीं कर रहे हैं।' 
 
उन्होंने कहा, 'धोनी ने मुझे वास्तविकता से अवगत कराया। वह जो कर सकते थे उन्होंने किया लेकिन कई बार कप्तान के तौर पर आप सभी को उचित साबित नहीं कर सकते। दुनियाभर के कप्तान खिलाड़ियों के लिए खड़े रहते हैं। चाहे सौरभ गांगुली हों या रिकी पोंटिंग। किसी खिलाड़ी का समर्थन करना या नहीं करना व्यक्तिगत पसंद है। लेकिन धोनी से जितना हो सका, उन्होंने किया।' धोनी की कप्तानी में 2011 के विश्व कप में युवराज ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था और उन्हें मैन ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार दिया गया था। 
इसके बाद उन्होंने कैंसर का इलाज कराया था। उन्होंने 2013 के बाद वापसी की थी और इंग्लैंड के खिलाफ कटक में खेले गए वनडे में 150 रन बनाए थे लेकिन इसके बाद वह आठ पारियों में सिर्फ एक अर्द्धशतक ही जड़ पाए थे। युवराज ने कहा, 'मैं किसी को दोष नहीं देता कि कैंसर के बाद वापस लौटने पर मुझ पर किसी ने विश्वास नहीं किया। मुझे खुद अपने खेल को लेकर पहले जैसा आत्मविश्वास लाने में समय लगा था।' 
 
युवराज ने कहा, '2011 विश्व कप तक धोनी को मुझपर काफी भरोसा था और वह मुझसे कहते थे कि तुम टीम के मुख्य खिलाड़ी हो। लेकिन बीमारी के बाद वापस आने पर खेल में परिवर्तन हो गया और टीम में भी कई बदलाव हुए।' 
 
पूर्व ऑलराउंडर ने कहा, 'आप इन चीजों को लेकर बैठे नहीं रह सकते। कप्तान को अपनी टीम को आगे बढ़ाना होता है। जहां तक 2015 विश्व कप का सवाल है, तो आप वास्तव में किसी चीज पर ध्यान नहीं दे सकते। यह व्यक्तिगत फैसला होता है।'

उन्होंने कहा, 'मैं समझ सकता हूं कि एक कप्तान के तौर पर कई बार आप सभी चीजों को उचित नहीं ठहरा सकते क्योंकि अंत में आपको देखना होता है कि देश कैसे प्रदर्शन करेगा। सभी कप्तान कुछ खिलाड़ियों का समर्थन करते हैं। मुझे लगता है कि धोनी ने सुरेश रैना और रवींद्र जडेजा का समर्थन किया जब वे फॉर्म में नहीं थे। विराट लोकेश राहुल का समर्थन करते हैं।' 
 
पिछले साल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद युवराज कनाडा लीग, अबु धाबी में हुए टी-10 लीग में शामिल हो चुके हैं और हाल ही में उन्हें पंजाब टीम का मेंटर नियुक्त किया गया है। युवराज ने कहा, 'मैं मेंटर बनने को लेकर उत्साहित हूं। कुछ अंतरराष्ट्रीय लीग हो सकते हैं। मैंने अभी इस बारे में फैसला नहीं लिया है कि मैं दोबारा घरेलू क्रिकेट खेलूंगा या नहीं, लेकिन मुझे कोई पछतावा नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

14 साल के वैभव सूर्यवंशी बने बिहार रणजी टीम के उपकप्तान

23 साल के हर्षित राणा पर झूठे आरोप लगाना शर्मनाक, गंभीर का श्रीकांत पर पलटवार

इंडोनेशिया से हारने के बाद भी भारत को BWF विश्व जूनियर मिश्रित टीम चैंपियनशिप में मिला एतिहासिक कांस्य पदक

स्मृति मंधाना ने एक साल में 1,000 रन बनाकर इतिहास रचा, वनडे में 5,000 का आंकड़ा पार किया

ग्लेन मैक्सवेल हमेशा बने हैं इस भारतीय स्पिनर के शिकार, अब BBL में होगा मुकाबला

अगला लेख