चीन में डब्ल्यूईएफ: वैश्विक अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत

DW
गुरुवार, 27 जून 2024 (10:44 IST)
-मानुएला कास्पर क्लैरिज
 
चीन कई सालों से वैश्विक अर्थव्यवस्था का चालक रहा है, लेकिन अब उसकी राह में चुनौतियां आ रही हैं। यह इस साल चीन में हो रहे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक के कई मुख्य मुद्दों में से एक है। चीन के डालियान शहर के मेट्रो स्टेशन का नाम कांग्रेस सेंटर है। कुछ दिनों के लिए स्टेशन का नाम बदलकर 'एनुएल मीटिंग ऑफ दी न्यू चैंपियंस' कर दिया गया है।
 
स्टेशन के बाहर की सड़कें, गलियां और फुटपाथ बिल्कुल चमचमा रहे हैं। नजदीकी सड़कों को भी साफ-सुथरा और चौड़ा कर दिया गया है। रंग-बिरंगे झंडे हवा में लहरा रहे हैं। डालियान, उत्तर-पूर्वी चीन में येलो सी के पास बसा एक शहर है। इस साल 25 से 27 जून तक यह शहर वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) की बैठक की मेजबानी कर रहा है। आधिकारिक तौर पर इस बैठक का नाम एनुएल मीटिंग ऑफ दी न्यू चैंपियंस (एएमएनसी) है और इसे ग्रीष्मकालीन दावोस भी कहा जाता है।
 
यह एशिया में बिजनस से जुड़ी एक वार्षिक अंतरराष्ट्रीय बैठक है। इसकी शुरुआत 2007 में हुई। चीन 15वीं बार डब्ल्यूईएफ का मेजबान है। इसमें दुनियाभर के अग्रणी अकादमिक, कारोबारी, युवा, सिविल सोसायटी के लोग और नेता साथ मिलकर सबसे अहम वैश्विक मुद्दों पर बातचीत करते हैं। 2024 की बैठक में जलवायु और ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चीन की अर्थव्यवस्था जैसे विषयों पर केंद्रित कुल 162 सत्र होने हैं। इसमें करीब 1,500 लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
 
हजारों आगंतुक और गोपनीय बातचीत
 
सम्मेलन कक्ष के ठीक सामने एक शोरूम है, जिसमें बीएमडब्ल्यू का नया मॉडल नजर आता है। यह जर्मन कार कंपनी चीनी बाजार के लिए सेडान कारें बनाती है। उनकी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट ट्रेन के रास्ते डालियान से करीब डेढ़ घंटे की दूरी पर है।
 
इनमें से ज्यादातर कारें यूरोपीय कारों की तुलना में खासी लंबी हैं। चीन में जो लोग इन गाड़ियों को खरीदने की क्षमता रखते हैं, अक्सर उनके पास एक ड्राइवर भी होता है। चूंकि उन्हें खुद कार नहीं चलानी पड़ती तो सफर को ज्यादा आरामदेह बनाने के लिए कार में बड़ी स्क्रीन और इंटरनेट कनेक्शन है जिस पर वे वीडियो गेम खेल सकते हैं या टीवी देख सकते हैं। हैरानी की बात नहीं कि बीएमडब्ल्यू शोरूम के डिस्प्ले में लगी गाड़ी इलेक्ट्रिक है।
 
तनाव और वैश्विक व्यापार युद्ध का खतरा
 
विशाल सीपी जैसे दिखने वाले यहां के कॉन्फ्रेंस सेंटर को वियना के आर्किटेक्टों ने डिजाइन किया है। इस इमारत में 7,000 लोग आ सकते हैं। कॉन्फ्रेंस सेंटर के खास डिजाइन और बनावट के कारण यहां बैठकों के लिए कमरे तेजी से बनाए जा सकते हैं। गोपनीय बातचीत के लिए सुरक्षित जगह बढ़ता राजनीतिक और आर्थिक तनाव सबसे चिंताजनक स्थितियों में से एक है।
 
इलेक्ट्रिक वाहनों पर जारी तनाव के बीच इस बात की भी आशंका है कि चीन, यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ व्यापार युद्ध शुरू कर दे। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा प्रकाशित अखबार चाइना डेली ने पिछले हफ्ते अपने संपादकीय में लिखा, 'बीजिंग किसी भी तरह के ट्रेड वॉर के खिलाफ है। हालांकि, कुछ ही पंक्तियों बाद संपादकीय में चेताया गया कि अगर ईयू चीन में बनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर विशेष शुल्क लगाता है तो चीन भी जवाबी कदम उठाएगा।
 
संयम और अवसर
 
इस पृष्ठभूमि को देखते हुए डालियान में ज्यादा उत्साह नहीं दिखता। वैश्विक अर्थव्यवस्था बेशक बढ़ रही है, खासतौर पर एशिया में। लेकिन जब डब्ल्यूईएफ के विशेषज्ञ रीकवरी की बात करते हैं तो वे बेहद सावधानी बरतते हुए अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति की ओर संकेत करते हैं। इस वक्त कई सारे भूराजनीतिक जोखिम उभरते दिख रहे हैं। लेकिन कई लोग चीन के साथ कारोबार में अवसर देखते हैं। इनमें से एक हैं सुहास गोपीनाथ। वह ग्लोबल्स के सीईओ हैं। यह कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में काम करती है और साइबर सुरक्षा की विशेषज्ञ है।
 
गोपीनाथ भारत के बेंगलुरू शहर से डालियान आए हैं। उनका अगला हफ्ता काफी व्यस्त है। गोपीनाथ कहते हैं कि चीन अब इनोवेशन के गढ़ जैसा है और मेरी यह जानने में काफी दिलचस्पी है कि महामारी के बाद चीन में क्या हो रहा है। गोपीनाथ आगे बताते हैं कि समर दावोस काफी लंबे अंतराल के बाद हो रहा है और मेरा मानना है कि यह हर उस कारोबारी के लिए बेहद अहम है, जो एक वैश्विक कंपनी बना रहा है। उसे चीन में जो हो रहा है, उससे अनजान नहीं रहना चाहिए।
 
चीन विकसित कर रहा है अपनी तकनीक
 
डालियान शहर के प्रशासन ने यात्रा से पहले गोपीनाथ से संपर्क किया और सुझाव दिया कि उन्हें किन लोगों से बात करनी चाहिए। प्रशासन ने उन्हें अनुवादक के तौर पर चीन का एक छात्र भी मुहैया कराया, जो अच्छी अंग्रेजी बोलता है। चीन खुद को एक भरोसेमंद और अहम आर्थिक सहयोगी की तरह पेश करना चाहता है।
 
पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना खुद ही कई चीजें विकसित कर रहा है, जैसे कि हरित उद्योग और तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। इसके बावजूद विदेशी कंपनियों के साथ भी एक स्तर तक सहयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
 
शेनयांग के रहने वाले 21 साल के यू बोई दूसरे देशों के साथ सहयोग की अहमियत रेखांकित करते हुए कहते हैं कि हम उनसे सीख सकते हैं, उनसे जान सकते हैं। सिर्फ उनकी नकल नहीं, बल्कि चीन में तकनीक और अन्य चीजें बेहतर करने के लिए अपनी सही राह तलाश सकते हैं। यू बोई बेहतरीन छात्र हैं, पढ़ाई में अच्छे नंबर लाते हैं और अंग्रेजी भी जानते हैं। वह शायद इस साल की बैठक में हिस्सा लेने वाले सबसे युवा प्रतिभागी हैं।
 
नई तकनीकें और हुनर
 
डालियान के कई चीनी लोग युवा छात्र यू बोई की ही तरह आत्मविश्वास से भरपूर दिखते हैं। यह रवैया मानो कहने की कोशिश हो कि हमारे साथ काम करने के इच्छुक लोगों का स्वागत है, अगर वे हमारी शर्तें मंजूर कर लेते हैं। सबसे अहम बात है हुनर और व्यावहारिक ज्ञान का आदान-प्रदान और तेजी से विकसित हो रहीं नई तकनीकों के माध्यम से अवसर। वहीं राजनीति ऐसा विषय है जिस पर यहां कई लोग ज्यादा बात नहीं करना चाहते हैं।
 
भारतीय उद्यमी गोपीनाथ कहते हैं कि व्यापार और कारोबार में देश अलग-थलग नहीं रह सकते। यह बहुत जरूरी है कि भूराजनीतिक मुद्दे किनारे रखकर अर्थव्यवस्था और विकास पर ध्यान दिया जाए। भारत और चीन एक दूसरे के बिना आगे नहीं बढ़ सकते। जहां तक डालियान की बात हो तो यहां डब्ल्यूईएफ के आयोजन की काफी तैयारियां की गईं। मेहमानों को रास्ता दिखाने के लिए दोस्ताना व्यवहार के साथ मुस्कुराते हुए कर्मी होटलों में नजर आते हैं।
 
आगंतुकों का खुले मन से स्वागत करने के लिए बाकी वॉलंटियरों को कई हफ्ते का प्रशिक्षण दिया गया। उनसे कहा गया कि जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके, अंग्रेजी में बात करें। हालांकि फिर भी कुछ वॉलंटियरों को इसमें दिक्कत आई। अब तक मौसम भी इस आयोजन का साथ दे रहा है। करीब 26 डिग्री तापमान है। न बहुत गर्म, न बेहद ठंडा।(फोटो सौजन्य : डॉयचे वैले)

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