रिपोर्ट ओंकार सिंह जनौटी
केरल में पटाखों से भरे अनानास के कारण घायल होने के बाद हथिनी करीब 2 हफ्ते तक भूखी रही। अब धीरे-धीरे पता लग रहा है कि गर्भवती हथिनी ने खुद को बचाने की बहुत कोशिश की।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक पटाखों के धमाके से हथिनी के मसूड़ों में गंभीर चोटें आईं। इन चोटों की वजह से वह 2 हफ्ते तक कुछ न खा सकी। भूख की वजह से वह कमजोर होती चली गई और आखिरकार बेदम होकर वेलियार नदी में डूब गई।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट कहती है कि ओरल कैविटी में बड़ी और अक्षम बना देने वाली चोटों ने लोकल सेप्सिस (पस से भरा इंफेक्शन) कर दिया और इस बात की प्रबल आशंका है कि यह (इंफेक्शन) उसके मुंह में विस्फोटकों के धमाके के बाद हुआ। चोट और इंफेक्शन के कारण वह दर्द से छटपटाई होगी। रिपोर्ट कहती है कि वह 2 हफ्तों तक न तो पानी पी सकी होगी और न ही कुछ खा सकी होगी। अतिदुर्बलता और कमजोरी के कारण आखिरकार वह पानी में गिर गई और डूब गई।
28 मई को जारी शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया था कि डूबने से हथिनी के फेफड़ों में पानी भरा और वह मारी गई। हथिनी की उम्र करीब 15 साल थी। पोस्टमार्टम में उसके शरीर से 2 महीने का शिशु भ्रूण भी मिला।
जलन से राहत और खुद को इंसान और अन्य जीवों से बचाए रखने के लिए हथिनी नदी में चली गई। पानी ने उसके कमजोर शरीर को खड़ा रखने में भी मदद दी होगी। ऐसे तमाम पहलू देखकर लगता है कि हथिनी किसी तरह खुद को अकेला कर ठीक होने का इंतजार करती रही। लेकिन विस्फोटकों के घाव जानलेवा साबित हुए।
हथिनी की मौत की खबर आते ही भारत में सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश उमड़ पड़ा। बाद में ऐसी भी खबरें आईं कि अनानास शायद जंगली सूअरों के लिए रखा गया था जिसे भूखी हथिनी ने गलती से खा लिया। वजह जो भी हो, इस घटना ने वन्य जीवों के साथ होने वाली क्रूरता को उजागर किया है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान कर चुके हैं। शुक्रवार को एक संदिग्ध को गिरफ्तार भी किया गया है। इस घटना के सोशल मीडिया पर वायरल होने के 2 दिन बाद भारत के वन एवं पर्यावरण मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री और भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस बाबत पहला ट्वीट किया और राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी।