कश्मीर को लेकर पाकिस्तान में क्या हो रहा है?

Webdunia
बुधवार, 7 अगस्त 2019 (11:36 IST)
पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने कहा है कि देश की सेना कश्मीर के लोगों के समर्थन में "किसी भी हद तक जाएगी।" जम्मू और कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा वापस लेने और उसे बांटने के भारत सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तान में बेचैनी है।
 
 
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मंगलवार को रावलपिंडी में शीर्ष कमांडरों के साथ बैठक करने के बाद कहा है, "पाकिस्तान की सेना कश्मीरी लोगों के साथ उनके उचित संघर्ष में आखिरी दम तक खड़ी रहेगी।" जनरल बाजवा ने यह भी कहा, "हम इस बात के लिए तैयार हैं और इस मामले में अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।"
 
इससे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने दोनों सदनों का विशेष अधिवेशन बुलाया। हालांकि विपक्षी सांसदों के हंगामे के बाद इसे 20 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। विशेष अधिवेशन में काफी हंगामा हुआ। संसद सदस्य प्रधानमंत्री इमरान खान के इस दौरान मौजूद नहीं रहने से काफी नाराज थे।
 
एक दिन पहले पाकिस्तान ने कहा कि वह भारत के ताजा कदम को "गैरकानूनी" मानते हुए इसे खारिज करता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, "पाकिस्तान इस अवैध कदम को रोकने के लिए सभी विकल्पों का इस्तेमाल करेगा।"
 
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा है कि सेना के कमांडरों ने पाकिस्तान सरकार के रुख का "पूरी तरह से समर्थन" किया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा विवादित पहाड़ी इलाके में "कब्जे को कानूनी रूप देने की भारत की धोखे से भरी कोशिशों को पाकिस्तान ने कभी मान्यता नहीं दी है।"
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Corps Commanders Conference has fully supported government's rejection of Indian actions regarding Kashmir. Army Chief General Qamar Javed Bajwa chaired the conference on Kashmir situation, in Rawalpindi today. pic.twitter.com/SXNpE7Mc5G

— Govt of Pakistan (@pid_gov) August 6, 2019 >
पाकिस्तान के समाचार चैनलों में प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बयान भी चल रहा है। इसमें उन्होंने मलेशिया के प्रधानमंत्री से कहा है, "भारत के इस कदम से दोनों देशों के रिश्ते और खराब होंगे।" मंगलवार को करीब 500 लोगों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में प्रदर्शन किया। ऐसे आसार हैं कि पूरे पाकिस्तान में इसके खिलाफ प्रदर्शन हो सकते हैं।
 
पाकिस्तान के अखबारों में भारत सरकार के फैसले के खिलाफ खूब संपादकीय लिखे जा रहे हैं साथ ही सोशल मीडिया पर भी गर्मागर्म बहस चल रही है।
 
एनआर/एमजे(एएफपी)

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