रूस के यकुतिया इलाके में 40 हजार साल पुराने एक साइबेरियन भेड़िए का सिर मिला है। ये भेड़िया आज के भेड़ियों के मुकाबले दोगुना बड़ा है। कैसे बचा रहा यह सिर, जानिए।
आर्कटिक के इलाके में जिस समय इस भेड़िए की मौत हुई होगी, तभी से उसका सिर बर्फीली चट्टानों वाले इलाके में जमीन के नीचे दबा था। इसी वजह से इसके फर, कान, दिमाग और दांत पूरी तरह संरक्षित हैं।
भेड़िए के ये अवशेष रूस के आर्कटिक इलाके यकुतिया में तिरेख्याख नदी के किनारे पिछले साल अगस्त में मिले। यह सिर यकुतिया साइंस एकेडमी के शोधकर्ताओं को दिया गया। उन्होंने जापान और स्वीडन में अन्य शोधकर्ता के साथ मिल कर इस पर काम किया ताकि इसकी उम्र का निर्धारण कर सकें।
एकेडमी के वालेली प्लोतनिकोव ने बताया कि यह भेड़िए की एक प्राचीन उपप्रजाति है जो मैमथों के साथ रहती थी और लुप्त हो गई। अपनी परिस्थिति के मद्देनजर यह खोज काफी अनोखी है।
ये भेड़िया 40 हजार साल पहले मरा था। लेकिन बर्फीली जमीन में दबा होने के कारण उसके फर, दांत, कान, चीभ और मस्तिष्क लगभग उसी अवस्था में हैं। इससे पहले भेड़ियों की सिर्फ खोपड़ी मिली है जिनके फर या ऊतक नहीं थे।
बड़ा भेड़िया
यह कटा हुआ सिर जिस भेड़िए का है वो शरीर के आकार के हिसाब से आज के भेड़ियों से लगभग 25 प्रतिशत ज्यादा बड़ा था। हालांकि आधुनिक साइबेरियन भेड़िए अलग अलग आकार के होते हैं। उनका वजन 31 से 60 किलो हो सकता है जबकि कद तीन फीट और लंबाई पूंछ समेत पांच फीट का।
अब बर्फ से निकाले जाने के बाद इस सिर को वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। लेकिन उससे पहले इसका प्लास्टिनेशन होगा। ये ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पानी और फैट की जगह प्लास्टिक लगाई जाएगी।
प्लोतनिकोव ने कहा, "ऐसा रासायनिक पदार्थों के जरिए होता है जिससे उसके फर नहीं गिरेंगे और हम (सिर को) बिना फ्रीज किए रख पाएंगे।" माना जाता है कि दुनिया में इस समय लगभग दो लाख भेड़िए हैं। जर्मनी में हाल के सालों में भेड़ियों की संख्या बढ़ी है।