जब तारे टूटकर गिरते हैं

Webdunia
शनिवार, 11 अगस्त 2018 (11:43 IST)
अगस्त के इन दिनों में तारे टूटकर जमीन पर गिरते हैं। जर्मनी में कहावत है कि टूटे तारे के गिरते समय यदि आंख मूंदकर कोई मुराद मांगी जाए तो वह जरूर पूरी होती है। तो ये कुछ मांगने का समय है।
 
फिर आई वो रात
हमेशा गर्मियों में बहुत से तारे टूटकर गिरते हैं। 12 से 13 अगस्त की रात को सबसे ज्यादा टूटे तारे गिरेंगे। ये पर्सियस नक्षत्र से गिरेंगे। इनका नाम उन नक्षत्रों के नाम पर होता है जिनके करीब वे देखे जाते हैं।
 
ऐसे बनते हैं टूटे तारे
तारापुंजों के गिरने की तारीख हर साल एक ही होती है। वे हमेशा तब पैदा होते हैं जह धरती अपनी कक्षा पर सूर्य का चक्कर काटती हुई धूमकेतू के वक्र से निकलती है।
 
छोटे कणों की चमक
धूल के छोटे कण हमारे वातावरण में प्रवेश करते हैं और वहां गलने लगते हैं। इन उल्का पुंजों का व्यास एक मिलीमीटर से एक सेंटीमीटर होता है। वे जितने बड़े होते हैं उतना ही चमकते हैं।
सिर्फ गर्मियों में नहीं
सर्दियों में भी पृथ्वी तारों की धूल से होकर गुजरती है। उस समय भी उल्कापिंडों को देखने की संभावना होती है। ये मौका नवंबर और दिसंबर में आता है।
 
शहर की रोशनी से दूर
समय गर्मियों की साफ आसमान वाली रातों में आता है। तब हर मिनट करीब 100 टूटे तारों को गिरते हुए देखा जा सकता है।
 
सख्त दिलवालों के लिए
जिसे सर्दी की परवाह नहीं वह उच्च दवाब वाले मौसम में खासकर पहाड़ी इलाकों में टूटते तारों की शाम का मजा ले सकता है। तब आसमान साफ होता है और अंधेरा जल्दी हो जाता है।
 
मन्नत मांगना न भूलें
भले ही सिर्फ वैज्ञानिक जिज्ञासा की वजह से टूटते तारों को देख रहे हों, मन्नत मांग कर देखिए। कहते हैं ऐसे में मन्नत मानो तो जरूर पूरी होती है। शर्त ये कि किसी को इसके बारे में बताएं नहीं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरूर पढ़ें

मेघालय में जल संकट से निपटने में होगा एआई का इस्तेमाल

भारत: क्या है परिसीमन जिसे लेकर हो रहा है विवाद

जर्मनी: हर 2 दिन में पार्टनर के हाथों मरती है एक महिला

ज्यादा बच्चे क्यों पैदा करवाना चाहते हैं भारत के ये राज्य?

बिहार के सरकारी स्कूलों में अब होगी बच्चों की डिजिटल हाजिरी

सभी देखें

समाचार

महाराष्ट्र में कौन बनेगा मुख्यमंत्री, सस्पेंस बरकरार, क्या BJP फिर लेगी कोई चौंकाने वाला फैसला

संभल हिंसा पर कांग्रेस का बयान, बताया BJP-RSS और योगी आदित्यनाथ की साजिश

Delhi Pollution : दिल्ली में प्रदूषण घटा, 412 से 318 पर पहुंचा AQI

अगला लेख