तालिबान ने बंद किया अफगानिस्तान का मानवाधिकार आयोग

DW
बुधवार, 18 मई 2022 (08:22 IST)
तालिबान ने अफगानिस्तान के स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग को यह कह कर बंद कर दिया है कि उसकी 'जरूरत नहीं थी' इससे पहले तालिबान चुनाव आयोग और महिलाओं के मामले के मंत्रालय जैसे संस्थानों को भी बंद कर चुके हैं।
    
अगस्त 2021 में देश में सत्ता हथियाने के बाद तालिबान ने अफगान लोगों के अधिकारों की रक्षा करने वाले कई संस्थानों को बंद कर दिया है। मानवाधिकार आयोग को बंद कर दिया जाना भी इसी सिलसिले का हिस्सा है। सरकार के डिप्टी प्रवक्ता इनामुल्लाह समांगानी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि हमारे पास मानवाधिकारों से जुड़ी गतिविधियों के लिए कुछ और संगठन हैं जो न्यायपालिका से जुड़े हुए हैं।
 
बजट में नहीं मिली जगह
 
मानवाधिकार आयोग का काम तब से रुका हुआ था जब से पिछले साल तालिबान ने देश में सत्ता हासिल की और आयोग के सर्वोच्च अधिकारी देश छोड़कर चले गए। आयोग के काम में देश में दो दशकों तक चले युद्ध में गई जानों का रिकॉर्ड रखना भी शामिल था।
 
वीकेंड पर तालिबान सरकार ने अपने पहले सालाना बजट की घोषणा की। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और शांति को बढ़ावा देने वाले एक समन्वय आयोग को भी बंद कर दिया गया। समांगानी ने कहा कि बजट 'वस्तुगत तथ्यों पर आधारित था' और उसमें उन्हीं विभागों की जगह थी जो सक्रिय और उपयोगी हैं।
 
उन्होंने बताया कि इन विभागों को जरूरी नहीं समझा जा रहा है, इसलिए इन्हें भंग कर दिया गया है। लेकिन अगर भविष्य में इनकी फिर से जरूरत पड़ी तो इन्हें फिर से शुरू किया जा सकता है।
 
वित्तीय संकट
 
अफगानिस्तान इस समय लगभग पूरी तरह से विदेशी मदद पर निर्भर है। तालिबान करीब 50 करोड़ डॉलर के वित्तीय घाटे का सामना कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच में एसोसिएट विमेंस राइट्स डायरेक्टर हीथर बार ने कहा कि इन संस्थानों के बंद होने की वजह से अफगानिस्तान के हालात बिगड़ रहे हैं।
 
उन्होंने ट्वीट किया कि एक ऐसी जगह का होना जहां आप जा सकें, मदद मांग सकें और न्याय की मांग कर सकें, इसका बहुत महत्व था' तालिबान ने शुरू में तो अपने पहले शासनकाल के मुकाबले ज्यादा नरम शासन का वादा किया था, लेकिन धीरे-धीरे अफगान लोगों और विशेष रूप से महिलाओं की आजादी को घटाया जा रहा है।
 
महिलाओं को माध्यमिक शिक्षा से दूर कर दिया गया है, अकेले सफर करने नहीं दिया जाता और घर के बाहर खुद को पूरी तरह से ढंककर रखने के लिए कह दिया गया है। पुरुषों और महिलाओं के साथ खाना खाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
 
सीके/एए (एएफपी, रॉयटर्स)

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