ट्रंप की धमकी, ओपन स्काई संधि भी छोड़ देगा अमेरिका

Webdunia
मंगलवार, 26 मई 2020 (08:49 IST)
अमेरिका ने 35 देशों वाली ओपन स्काई संधि से निकलने की धमकी दी है। इस संधि के तहत सदस्य देश एक-दूसरे के वायु क्षेत्र में निगरानी के लिए उड़ान भर सकते हैं। ट्रंप प्रशासन रूस पर संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगा रहा है।
 
वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि संधि से औपचारिक तौर पर बाहर आने में 6 महीने का समय लग सकता है। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूरे मामले को रूस पर डाल दिया है। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि रूस के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं। लेकिन रूस इस संधि का पालन नहीं कर रहा है तो जब तक वह ऐसा नहीं करता, तब तक हम इससे बाहर रहेंगे। इससे पहले भी ट्रंप प्रशासन कई अंतरराष्ट्रीय संधियों और समझौतों से बाहर निकल चुका है।
ALSO READ: डोनाल्ड ट्रंप ने किया खुलासा, Corona से बचाव का एक तरीका है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन...
क्या है संधि?
 
ओपन स्काई संधि का प्रस्ताव सबसे पहले 1955 में अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट आईजनहावर ने रखा था। इस पर आखिरकार 1992 में दस्तखत हुए और 2002 से इस पर अमल शुरू हुआ। इसका मकसद सदस्य देशों को एक-दूसरे के वायुक्षेत्र में निगरानी उड़ानों की अनुमति देना है ताकि उनमें आपसी विश्वास मजबूत हो सके।
 
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि रूस लगातार 1 साल से पड़ोसी जॉर्जिया और बाल्टिक तट पर रूसी इलाके कालिनिनग्राद में अमेरिकी उड़ानों के लिए अड़चनें पैदा कर रहा है। इसके अलावा उनका यह भी कहना है कि रूस अमेरिकी और यूरोपीय क्षेत्र में अपनी उड़ानों का इस्तेमाल संवेदनशील अमेरिकी इंफ्रास्ट्रक्चर की पहचान करने के लिए कर रहा है जिसे कि युद्ध की स्थिति में निशाना बनाया जा सके।
ALSO READ: शी जिनपिंग से अभी बात नहीं करना चाहते हैं ट्रंप, जानिए क्यों
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका अगर इस संधि से निकलता है तो फिर ऐसी रूसी उड़ानें अमेरिकी वायु क्षेत्र में संभव नहीं हो पाएंगी। इसके बाद रूस भी समझौते से हट सकता है और फिर अन्य सदस्य देश भी रूसी उड़ानों के लिए अपने आकाश को बंद कर सकते हैं। इससे पूरे यूरोपीय क्षेत्र की सुरक्षा प्रभावित होगी, खासकर ऐसे समय में जब रूस समर्थित अलगाववादी यूक्रेन और जॉर्जिया के कुछ इलाकों पर नियंत्रण किए हुए हैं।
 
वॉशिंगटन स्थित आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के प्रमुख डेरिल किमबॉल का कहना है कि संधि को छोड़ने का ट्रंप का फैसला अपरिपक्व और गैरजिम्मेदाराना है। नाटो सदस्यों के साथ-साथ यूक्रेन जैसे देश अमेरिका पर ओपन स्काई संधि को न छोड़ने का दबाव डाल रहे हैं। इसके तहत निगरानी उड़ानें सदस्य देशों को औचक सैन्य हमलों जैसी गतिविधियों की जानकारी देती हैं।
 
रूस की राजधानी मॉस्को में सरकारी समाचार एजेंसी रिया ने रूसी विदेश उपमंत्री एलेक्सांदर ग्रुशको के हवाले से कहा है कि उनके देश ने संधि का उल्लंघन नहीं किया है और वह उन तकनीकी मुद्दों पर बात करने को तैयार है जिन्हें अमेरिका संधि का उल्लंघन बता रहा है।
ALSO READ: COVID-19 : भारतीय अमेरिकी बच्ची को राष्ट्रपति ट्रंप ने किया सम्मानित
ट्रंप के ताजा कदम से इस बात को लेकर भी संदेह पैदा हो गए हैं कि क्या अमेरिका 2010 की नई स्टार्ट संधि को आगे बढ़ाएगा? यह संधि परमाणु हथियारों की तैनाती को सीमित करती है। इसके तहत अमेरिका और रूस अपने-अपने 1,550 से ज्यादा रणनीतिक परमाणु हथियारों की तैनाती नहीं कर सकते। नई स्टार्ट संधि अगले साल फरवरी में खत्म हो रही है।
 
एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि हाल के दिनों में अमेरिकी अधिकारियों ने रूसी अधिकारियों से परमाणु हथियार वार्ताओं के नए दौर की शुरुआत की है ताकि परमाणु हथियारों के नियंत्रण के लिए नए उपायों का मसौदा तैयार करने की प्रकिया शुरू की जा सके।
 
ट्रंप नई स्टार्ट संधि के स्थान पर एक दूसरी संधि लाना चाहते हैं और परमाणु हथियारों पर नियंत्रण की संधि में वे चीन को भी शामिल करना चाहते हैं। हालांकि चीन इससे इंकार कर चुका है जिसके पास लगभग 300 परमाणु हथियार हैं। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ'ब्रायन ने फॉक्स न्यूज को बताया कि उन्हें नहीं लगता कि अमेरिका नई स्टार्ट संधि को छोड़ेगा।
 
ओपन स्काई संधि को लेकर अमेरिका का फैसला 6 महीने की समीक्षा के बाद आया है। इसमें अधिकारियों ने पाया कि रूस ने कई बार संधि का पालन नहीं किया। पिछले साल अमेरिकी प्रशासन रूस के साथ मध्यम दूरी के परमाणु हथियारों से जुड़ी संधि से बाहर निकल गया।
 
एके/आरपी (रॉयटर्स, एएफपी)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

अभिजीत गंगोपाध्याय के राजनीति में उतरने पर क्यों छिड़ी बहस

दुनिया में हर आठवां इंसान मोटापे की चपेट में

कुशल कामगारों के लिए जर्मनी आना हुआ और आसान

पुतिन ने पश्चिमी देशों को दी परमाणु युद्ध की चेतावनी

जब सर्वशक्तिमान स्टालिन तिल-तिल कर मरा

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

अगला लेख