5 दिग्गज जो नहीं लड़ रहे हैं लोकसभा चुनाव, लेकिन इनका रोल है बड़ा खास

नृपेंद्र गुप्ता
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने कमर कस ली। चुनावी प्रबंधन से लेकर प्रचार तक सभी कामों के लिए अलग टीमों का गठन किया है। नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, अमित शाह, राजनाथसिंह, मुलायम सिंह, अखिलेश जैसे दिग्गज नेता चुनाव मैदान में बेहद सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। आइए नजर डालते हैं उन 5 दिग्गजों पर जो नहीं लड़ रहे हैं लोकसभा चुनाव, लेकिन इनका रोल है बड़ा खास...
 
अरुण जेटली : केंद्रीय वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शुमार अरुण जेटली भी इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। भले ही 2014 में वह अमृतसर से चुनाव हार गए हों, लेकिन चुनाव प्रबंधन में उनकी कोई जोड़ नहीं है। दिल्ली में बैठकर वह सभी दिग्गजों के बीच समन्वय स्थापित करने के साथ ही पार्टी की चुनावी रणनीति तैयार करने का भी काम कर रहे हैं। खराब स्वास्थ्य से परेशान जेटली अकसर संसद के उच्च सदन में ही पार्टी का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।
 
सुषमा स्वराज : विदेशमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता सुषमा स्वराज चुनावी राजनीति में दक्ष मानी जाती हैं। उनकी आक्रामक भाषण शैली और हर मामले पर उनकी समझ और वाकपटुता की वजह से नेताओं की जमात में वह अलग ही स्थान रखती हैं। 2014 से विदिशा से चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं सुषमा ने इस बार स्वास्थ्यगत कारणों से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। हालांकि परदे के पीछे भाजपा के लिए वह बड़ी भूमिका में दिखाई दे रही हैं।
 
ममता बनर्जी : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी हमेशा की तरह 2019 के रण में भी अपने राज्य में पार्टी को ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत दिलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह जैसे दिग्गज भाजपा नेताओं का सामना करने के लिए उन्होंने भी बेहद सुदृढ़ प्लानिंग तैयार की है। वह अपनी रैलियों में मोदी और शाह पर करारे वार करती हैं साथ ही उनके हमलों का करारा जवाब भी देती हैं। ममता को विश्वास है कि उनकी पार्टी 2019 में भी 2014 की सफलता को दोहराने में सफल होगी। 
 
मायावती : सपा के साथ महागठबंधन कर गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा को मात देने वाली बसपा प्रमुख मायावती ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश के साथ एक बार फिर ऐसा चुनावी दांव चला है जिसने बसपा और सपा को मजबूती दी है। इस गठबंधन ने देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में भाजपा की नाक में दम कर रखा है। 
 
शरद पवार : राकांपा प्रमुख शरद पवार ने इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर लोगों आश्चर्यचकित कर दिया। हालांकि कुछ लोग यह मानते हैं कि उनके परिवार में राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में उन्होंने यह बड़ा फैसला किया। हालांकि अभी भी महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा पूरी तरह शरद पवार पर निर्भर है। शरद पवार भी इस बात को अच्छी तरह जानते हैं और उन्होंने मैदान संभाल लिया है।   

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