क्या एक बार फिर पूरा होगा भाजपा का 'सत्ता संकल्प'

Webdunia
सोमवार, 8 अप्रैल 2019 (15:44 IST)
वेबदुनिया चुनाव डेस्क
 
लोकसभा चुनाव 2019 में सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा ने घोषणा-पत्र जारी कर दिया, जिसे उसने संकल्प पत्र नाम दिया है। इसमें पार्टी ने 75 संकल्पों का उल्लेख किया है। पिछले लोकसभा चुनाव में 282 सीटें जीतने वाली भाजपा के लिए इस बार राह थोड़ी मुश्किल ही नजर आ रही है।
 
भाजपा शहरों में तो अच्छा प्रदर्शन करती है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में उसे परेशानी का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि संकल्प पत्र में भाजपा ने किसानों को लुभाने की कोशिश की है। इसके तहत किसानों को पांच साल तक बिना ब्याज एक लाख रुपए का लोन देने का वादा किया गया है, वहीं सभी किसानों को 6000 रुपए सालाना देने के साथ ही 60 की उम्र के बाद पेंशन देने की बात भी कही गई है। ध्यान रखने वाली बात है कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में गरीब परिवारों को अपनी 'न्याय' योजना के तहत 72000 रुपए सालाना देने का वादा किया है, जो कि भाजपा की तुलना में 12 गुना ज्यादा है।
 
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से राम मंदिर मुद्दे को उठाने की कोशिश की है। उसका कहना है कि मंदिर बनवाने की हरसंभव कोशिश की जाएगी। दअरसल, इसे संकल्प पत्र में इसलिए भी रखा गया है क्योंकि हिन्दुओं का एक बड़ा वर्ग राम मंदिर पर सरकार के रुख से नाराज है और वह भाजपा के खिलाफ भी वोट कर सकता है। ऐसे में पार्टी ने मतदाताओं के इस वर्ग को साधने की कोशिश की है। सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए अपनी पीठ ठोंकने वाली पार्टी ने यह भी सुनिश्चित कर दिया है कि वह राष्ट्रवाद के मुद्दे को छोड़ेगी नहीं।
 
जीएसटी से नाराज व्यापारी वर्ग को राष्ट्रीय व्यापार आयोग के गठन का आश्वासन देकर करीब लाने की कोशिश है। साथ ही छोटे दुकानदारों को 60 साल की उम्र के बाद पेंशन देने की घोषणा की है। पार्टी को लगता है कि इससे व्यापारी वर्ग की नाराज दूर हो जाएगी। पार्टी ने युवा वर्ग को यह कहकर रिझाने की कोशिश की है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में मेडिकल, मैनेजमेंट, लॉ, इंजीनियरिंग आदि की सीटें बढ़ाई जाएंगी।
 
भाजपा रेलवे गेज परिवर्तन, विद्युतीकरण आदि के भी वादे किए गए हैं, लेकिन इनका आम मतदाता पर बहुज ज्यादा असर नहीं होगा। किसानों के लिए घोषणा कर पार्टी ने एक बार फिर मतादाताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश की है। क्योंकि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किसान ऋण माफी का मुद्दा भाजपा के लिए सत्ता से बेदखली का कारण बन गया था। हालांकि यह तो वक्त ही बताएगा कि भाजपा का यह संकल्प पत्र उसे एक बार फिर सत्ता दिला पाएगा या नहीं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

महाराष्‍ट्र की राजनीति में नई दुकान... प्रोप्रायटर्स हैं ठाकरे ब्रदर्स, हमारे यहां मराठी पर राजनीति की जाती है

उत्तराधिकारी की घोषणा टली, 90 साल के दलाई लामा बोले, मैं 30-40 साल और जीवित रहूंगा

20 साल बाद उद्धव-राज साथ, किसे नफा, किसे नुकसान, क्या महाराष्ट्र की राजनीति में लौट पाएगी 'ठाकरे' की धाक

तेजी से बढ़ता स्‍मार्ट और सबसे स्‍वच्‍छ इंदौर आखिर सड़क पर हुए भ्रष्‍टाचार के गड्ढों में क्‍यों गिर रहा है?

अमेरिका के खिलाफ भारत ने लिया बड़ा एक्शन, WTO में जवाबी टैरिफ का रखा प्रस्ताव

सभी देखें

नवीनतम

ब्राजील में पीएम मोदी का जोरदार स्वागत, ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेंगे

राजस्थान से बंगाल तक 15 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, क्या है हिमाचल का हाल?

मस्क ने बनाई नई अमेरिका पार्टी, कहा लोगों को खोई हुई आजादी वापस दिलाएगी

LIVE: BRICS समिट में भाग लेने ब्राजील पहुंचे पीएम मोदी

Bihar : मतदाता पुनरीक्षण पर भड़कीं राबड़ी देवी, बोलीं- निर्वाचन अधिकारियों को दस्तावेज न दिखाएं

अगला लेख