लोकसभा चुनाव 2019 : निर्दलीय प्रत्याशियों के प्रति नीरस ही रहे हैं जम्मू-कश्मीर के मतदाता, अब तक सिर्फ 6 सांसदों को चुना

सुरेश डुग्गर
शनिवार, 16 मार्च 2019 (17:10 IST)
जम्मू। अभी तक जम्मू-कश्मीर में होने वाले लोकसभा चुनावों में सिर्फ 6 निर्दलीय प्रत्याशियों को ही जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं ने सांसद के रूप में चुना है और इस संदर्भ में यह बात नहीं भूली जा सकती कि जिन निर्दलीय प्रत्याशियों को मतदाताओं ने सांसद पद के लिए चुना उन्हें उनके व्यक्तित्व के आधार पर ही चुना गया था।
 
इसमें सबसे आगे बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख के मतदाता रहे हैं, जिन्होंने चार बार- 2009, 2004, 1989 तथा 1980 में- निर्दलीय प्रत्याशी को जीताया और जम्मू तथा श्रीनगर के मतदाताओं ने एक-एक बार-क्रमशः 1977 तथा 1971 में ही निर्दलीय प्रत्याशी को चुना था।
 
जो प्रत्याशी इन चुनावों में निर्दलीय रूप से विजयी हुए थे वे हैं-1971 में श्रीनगर की सीट से शमीम अहमद शमीम, 1977 में जम्मू की सीट से ठाकुर बलदेव सिंह, 2009, 2004, 1989 तथा 1980 में लद्दाख की सीट से क्रमशः हसन खान, थुप्स्टन छेवांग, मुहम्मद हसन कमांडर और पी. नामग्याल हैं।
 
1996 के पहले के तीन चुनावों को ही अगर पैमाना मानें तो करीब 138 निर्दलीय प्रत्याशियों ने राज्य की छ: संसदीय सीटों पर अपने भाग्य को आजमाया था और इन तीन चुनावों के दौरान सिर्फ दो को, लद्दाख में, छोड़ सभी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। मजेदार बात यह है कि इन तीन चुनावों में जितने निर्दलीय प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाने में कूदे थे, उस संख्या की आधी संख्या से भी अधिक ने 1996 के चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी।
 
आज तक सबसे अधिक निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या 1989 के चुनावों में 49 थी। अगर आंकड़ों को देखा जाए तो जैसे-जैसे चुनावों की संख्यां बढ़ती गई ठीक उसी प्रकार किस्मत आजमाने वाले निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्यां में भी वृद्धि होती गई। वर्ष 1980 तथा 1984 में क्रमशः 20 तथा 23 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में रह गए थे।
 
लेकिन यह बात भी सच है कि अगर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव न भी जीत पाए हों लेकिन वे राज्य की चार सीटों पर दूसरे स्थान पर रहते आए हैं। और इस प्रकार का रिकार्ड बनाने में बारामुल्ला संसदीय क्षेत्र सबसे आगे है जहां पिछले सभी चुनावों में सिर्फ 1967 के चुनावों को छोड़ प्रत्येक बार स्वतंत्र प्रत्याशी ही दूसरे स्थान पर रहा है। जबकि अनंतनाग में चार बार, लद्दाख तथा श्रीनगर में दो-दो बार स्वतंत्र प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे लेकिन जम्मू तथा उधमपुर के संसदीय क्षेत्रों में ऐसा कभी नहीं हो पाया। जबकि ऊधमपुर के मतदाताओं ने न ही कभी किसी निर्दलीय प्रत्याशी को निर्वाचित किया और न ही कभी इस क्षेत्र में कोई निर्दलीय उम्मीदवार दूसरे स्थान पर आ पाया।
 
मजेदार बात तो यह है कि जिस लद्दाख की संसदीय सीट से लोकसभा चुनावों में चार निर्दलीय प्रत्याशी विजयी हुए हैं, वहां पर पिछले चार चुनावों में मात्र 8 निर्दलीय प्रत्याशी ही मैदान में उतरे थे जिनमें से 4 सांसद बन गए और इस बार अभी तक परिदृश्य साफ नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

Uttar Pradesh Assembly by-election Results : UP की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम, हेराफेरी के आरोपों के बीच योगी सरकार पर कितना असर

PM मोदी गुयाना क्यों गए? जानिए भारत को कैसे होगा फायदा

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

By election results 2024: यूपी उपचुनाव में भाजपा को भारी बढ़त, बंगाल में TMC का जलवा

LIVE: महाराष्‍ट्र में रुझानों में महायुति की सरकार

LIVE: झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम 2024 : दलीय स्थिति

LIVE: झारखंड में भाजपा और झामुमो के बीच कांटे की टक्कर

वायनाड लोकसभा उपचुनाव : शुरुआती मतगणना में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी 35000 मतों से आगे

अगला लेख