मध्यप्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों का वोटिंग एनालिसिस, जीत-हार के अंतर से तय होगा दिग्गजों का सियासी भविष्य?

विकास सिंह
मंगलवार, 14 मई 2024 (14:01 IST)
भोपाल। मध्यप्रेश में लोकसभा की सभी 29 सीटों पर मतदान खत्म हो चुका है। सोमवार को प्रदेश में चौथे चरण में 8 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ। 2019 की तुलना में अगर इस बार प्रदेश में मतदान प्रतिशत को देखा जाए तो मतदान प्रतिशत करीब 4 फीसदी कम हुआ है। मतदान प्रतिशत कम होने के पीछे चुनाव आयोग और राजनीतिक दल के अपने-अपने कारण दिए है। वहीं प्रदेश में वोटिंग परसेंट का सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ने के साथ दिग्गजों के सियासी भविष्य पर भी पड़ेगा।

चौथे चरण में 71% मतदान-चुनाव आयोग की ओर से अब तक जारी अंतिम आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में चौथे चऱण में 8 सीटों पर 71% (70.98%) मतदान हुआ। चुनाव आयोग के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक चौथे चरण में मंदसौर में सबसे अधिक 74.91% मतदान और इंदौर में सबसे कम 60.25% मतदान हुआ। अगर चौथे चरण की सभी आठ सीटों  पर मतदान प्रतिशत को देखा जाए तो देवास में 74.84%, उज्जैन में 73.05%, मंदसौर में 74.91%,रतलाम में 72.50%, धार में 71.07%, खरगौन में 73.77%, खंडवा में 70.65% और  इंदौर में 60.25% मतदान हुआ।

दिग्गजों की सीटों पर बढ़ा वोटिंग परसेंट-अगर चुनाव आयोग के वोटिंग परसेंट के आंकड़ों को देखा जाए तो लोकसभा चुनाव में प्रदेश के उन सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ा है जहां पर दिग्गज चेहरे चुनावी मैदान में थे। इसमें विदिशा, राजगढ़ और गुना लोकसभा सीटें प्रमुख है।  विदिशा, राजगढ़, गुना के साथ ग्वालियर-चंबल की तीन लोकसभा सीटों गुना, ग्वालियर और भिड़ में 2019 के मुकाबले मतदान प्रतिशत बढ़ा है।

इसमें ग्वालियर लोकसभा सीट पर जहां 2019 में 59.78 फीसदी मतदान हुआ था वहीं 2024 में 62.13 फीसदी, गुना में 2019 में 70.32 फीसद और 2024 में 72.43 फीसदी मतदान हुआ है। इसके साथ प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की लोकसा सीट विदिशा जहां से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ रहे है वहां 2019 में 71.79 फीसदी मतदान हुआ था वहीं 2024 में 74.48 फीसदी मतदान वहीं राजगढ़ जहां से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ रहे है वहां 2019 में 74.39 फीसदी मतदान वहीं 2024 में 76.04 फीसदी मतदान हुआ  है।

शुरुआती चरण में कम वोटिंग-प्रदेश में चार चरणों में हुए लोकसभा चुनाव में शुरुआती दो चरणों में वोटिंग प्रतिशत 2019 के मुकाबले काफी कम हुआ था लेकिन बाद के दो चरणों में वोटिंग परसेंट में सुधार हुआ और मतदान का प्रतिशत बढ़ा। अगर प्रदेश की सभी 29 सीटों के मतदान प्रतिशत की बात करें तो करीब 67 फीसदी मतदान हुआ जो 2019 के मुकाबले 4 फीसदी कम रही। अगर सभी 29 सीटों पर आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए तो 2019 के मुकाबले 23 सीटों पर वोटिंग परसेंट कम हुआ है वहीं 6 सीटों पर वोटिंग परसेंट बढ़ा है।

प्रदेश में 29 सीटों पर वोटिंग परसेंट एक नजर में- प्रदेश की 29 सीटों पर वोटिंग परसेंट को देखा जाए तो मुरैना में 58.97%, भिंड में 54.93%,  ग्वालियर में 62.13%, गुना में 72.43%, सागर में 67.05%, विदिशा में 74.48%, भोपाल में 64.06%, राजगढ़ में 76.04%, बैतूल में 73.48%, टीकमगढ में 60.00%, दमोह में 56.48%, खजुराहो में 56.96%, सतना में 61.93%, रीवा में 49.42%, सीधी में 56.50%, होशंगाबाद में 67.21%,  जबलपुर में 61.00%, मंडला में 72.84%, बालाघाट में 73.45%, छिंदवाड़ा में 79.83%, शहडोल में 64.68% मतदान हुआ है।
 

वहीं प्रदेश में आखिरी चऱण में चुनाव आयोग के अब तक जारी आंकड़ों के मुताबिक देवास में 74.84%, उज्जैन में 73.05%, मंदसौर में 74.91%,  रतलाम में 72.50%, धार में 71.07%,  खरगौन में 73.77%, खंडवा में 70.65% और  इंदौर में 60.25% मतदान हुआ।

जीत के अपने-अपने दावे-प्रदेश में लोकसभा चुनाव खत्म होने के साथ भाजपा और कांग्रेस ने जीत के अपने-अपने दावे किए है। चौथे चरण के मतदान के बाद भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सभी 29 सीटों पर चुनाव जीतने जा रही है। वह कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को इतिहास का सार्वाधिक वोट प्रतिशत भाजपा को मिलेगा और प्रदेश की जनता मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाएगी। वहीं कांग्रेस का दावा है कि प्रदेश की जनता ने इस बार मुद्दों के लिए मतदान किया है। जनता अब रोजगार देने वाली, महंगाई कम करने वाली, कर्जमाफी करने वाली और महिला को  सम्मान देने वाली कांग्रेस के साथ खड़ी है।
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वोटिंग परसेंट से तय होगा राजनीतिक भविष्य-प्रदेश की 29 सीटों पर वोटिंग परसेंट का सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ेगा, ऐसे में वोटिंग परसेंट से प्रदेश के दिग्गज नेताओं के सियासी भविष्य का फैसला भी होगा। इसके साथ चर्चा इस बात की भी है कि इस बार लोकसभा चुनाव में वोटिंग परसेंट का असर आने वाले दिनों में प्रदेश सरकार पर भी दिखाई देगा। ऐसे मंत्री जिनकी सीटों पर 2023 की तुलना में मतदान प्रतिशत कम रहा है, उन पर आने वाले समय में गाज गिर सकती है।

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