Biodata Maker

Chandra grahan time: चंद्र ग्रहण भारत में कहां-कहां दिखाई देगा?

Webdunia
गुरुवार, 26 अक्टूबर 2023 (16:46 IST)
Lunar eclipse time 2023: 28- 29 अक्टूबर 2023 के दरमियान वर्ष का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने वाला है। इस बार खंडग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा। यह ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। यह ग्रहण भारत में आंशिक रूप से दृश्यमान होगा इसलिए कुछ विद्वानों के अनुसार इसका सूतक काल मान्य होगा। आओ जानते हैं कि भारत में इस ग्रहण को कब और कहां से देख सकते हैं।
 
चंद्र ग्रहण कब लगेगा?
  1. इस ग्रहण का शुरुआती चरण 28 अक्टूबर की रात 11:31 से प्रारंभ होगा।
  2. इसके बाद मध्य रात्रि 01:06 पर इसका पहला स्पर्श काल रहेगा।
  3. इसके बाद मध्य रात्रि 01:44 पर यह अपने चरम पर रहेगा।
  4. इसके बाद मध्य रात्रि 02:22 पर इसका अंतिम स्पर्श काल रहेगा।
  5. अंत में तड़के करीब 3:55 पर यह ग्रहण समाप्त हो जाएगा।
 
चंद्र ग्रहण देखने का समय : मध्य रात्रि 01:06 से 02:22 के बीच आप इसे देख सकते हैं।
चंद्र ग्रहण भारत में कहां-कहां दिखाई देगा? 
 
दुनिया में और कहां दिखाई देगा यह चंद्र ग्रहण?
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Pushya nakshatra 2025: दिवाली से पहले खरीदारी के लिए पुष्‍य नक्षत्र का योग, जानिए 5 खास बातें

Kartik maas 2025: कार्तिक मास के व्रत एवं त्योहारों की लिस्ट

Karwa chauth 2025: करवा चौथ को बन रहा सिद्धि योग और शिववास योग, जानिए किस मुहूर्त में पूजा से मिलेगा अखंड सौभाग्य का वरदान

Dhanteras 2025 date: धनतेरस कब है वर्ष 2025 में?

Karwa chauth 2025 date: करवा चौथ कब है वर्ष 2025 में?

सभी देखें

नवीनतम

10 October Birthday: आपको 10 अक्टूबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

Aaj ka panchang: आज का शुभ मुहूर्त: 10 अक्टूबर, 2025: शुक्रवार का पंचांग और शुभ समय

Diwali 2025: दिवाली की रात छिपकली देखना शुभ या अशुभ

Karva Chauth 2025: ये है करवा चौथ पर मेहंदी लगवाने का सबसे शुभ मुहूर्त, मिलेगा अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद

Govatsa Dwadashi 2025: गोवत्स द्वादशी कब है? जानें व्रत के नियम, मुहूर्त, पूजा विधि और पौराणिक कथा

अगला लेख